आँगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा कमरे पर कब्ज़ा का प्रयास, प्रधानाध्यापक को दी फर्जी मुक़दमे में फ़साने की धमकी
मुन्ना सिंह /बाराबंकी : ख़ुद को प्रदेश सरकार में मंत्री का रिश्तेदार बताने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के आगे प्रधानाध्यापक क्या बीईओ की एक न चली। दबाव में बीईओ ने बीएसए के आदेश के अलग हटकर ख़ुद का आदेश जारी कर दिया। प्रधानाध्यापक की कही सुनवाई नहीं हो रही है। ज्ञात हो कि हैदरगढ़ के चौबीसी में दुला का पुरवा में स्थित प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर का आंगनबाड़ी द्वारा स्कूल के कमरों पर जबरन क़ब्जा करने का विरोध करना उस समय भारी पड़ गया जब विभाग के उच्चाधिकारी भी ख़ुद को दबाव में महसूस करने लगे। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रधानाध्यापक द्वारा उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देने पर भी जबरन दबाव में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन आंगनवाड़ी केंद्र संचालिका शैल कुमारी के भाई व पूर्व प्रधानाध्यापक आदित्य प्रसाद शर्मा व तीन अन्य द्वारा प्रधानाध्यापक से मारपीट करने को लेकर कोई कार्यवाही नही हो रही है।
प्रार्थनापत्र के अनुसार दुला का पुरवा के प्रधानाध्यापक धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी को बीते क़रीब 14 दिन पहले आंगनबाड़ी शैल कुमारी द्वारा स्कूल के कमरे में बिना किसी सरकारी आदेश के जबरन कमरों में कब्जा करने की नीयत से ताला लगाने को लेकर बीईओ को तहरीर दी गई थी और बताया गया था कि केवल दो कक्षा-कक्षों में कक्षायें संचालित होने के कारण कमरा दे पाना संभव नही है। जिसके बाद प्रधानाध्यापक के न रहने पर फिर दुबारा बीते दिनों कमरो में कब्जा करने की कोशिश की गई। जब इस मामले की जानकारी सहायक अध्यापक द्वारा बीईओ को लिखित रूप में दी गई तो सीडीपीओ और सुपरवाईजर द्वारा मिलीभगत करके गाँव वालों से फर्जी तरीक़े से योजनाओं का लाभ देने के नामपर अंगूठा दस्तख़त करा लिए, बाद में मामला का खुलासा होने पर फर्जी रिपोर्ट लगाने की जानकारी हुई। जिस पर खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा दबाव में आकर स्कूल का एक कमरा आंगनवाड़ी संचालिका को देने का आदेश पारित कर दिया गया। प्रधानाध्यापक द्वारा जिसको लेकर विरोध दर्ज कराया गया की 5 कक्षायें दो कमरे में चला पाना संभव नही है तो एक कमरा देने के बाद शेष सिर्फ़ एक कमरे में कैसे संभव होगा।
इस मामले को विगत दिनों आंगनबाड़ी संचालिका शैलकुमारी अपने भाइयों और रिश्तेदार को लेकर स्कूल आ धमकी देते हुए प्रधानाध्यापक के साथ मारपीट और अभद्रता करके विद्यालयी अभिलेख फाड़ दिये व जबरन कब्जा करने व जान से मारने की धमकी दी। जिस पर प्रधानाध्यापक द्वारा मामले की जानकारी आलाधिकारी को दी गई। प्रधानाध्यापक द्वारा प्रार्थनापत्र देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, उधर शैल कुमारी द्वारा लगातार फ़र्जी मुक़दमे में फ़साने की धमकी देकर जबरन केंद्र संचालन किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि स्थानीय दबाव में फर्जी जाँच रिपोर्ट के आधार पर बीईओ द्वारा आदेश पारित किया गया है, जबकि स्कूल में केवल दो कमरे है जब इनमे ही शिक्षण कार्य संभव नहीं है तो एक कमरा देंने पर शेष एक कमरे में शिक्षण कार्य कैसे संभव होगा। आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों से चौबीसी में चलता था, जहाँ नौ कक्षा कक्ष है। शैल कुमारी का मायका चौबीसी होने के कारण जबरन दबाव बनाकर काम कराने की कोशिश की जा रही है और फ़र्जी मुक़दमे में फ़साने की धमकी दी जा रही है। प्रधानाध्यापक द्वारा उच्चाधिकारियों से लगातार शिकायत की जा रही है, जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।