वन माफियाओं से गठजोड़ हरियाली पर पड़ रही भारी खुलेआम हो रही वृक्षों की हत्या जिम्मेदार अधिकारी मौन

  • बिना नंबर प्लेट के ही ट्रैक्टर से होती प्रतिबंधित लकड़ी की ढुलाई

रिपोर्टर :- निशांत सिंह

परशदेपुर रायबरेली:– एक तरफ योगी सरकार अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का इतिहास रच रही है तो वहीं दूसरी ओर चंद सिक्को की लालच में जिम्मेदार अधिकारी वृक्षों को हत्या कराने में पीछे नहीं हट रहे हैं। ताजा मामला की बात की जाय तो थाना क्षेत्र के चौकी परसदेपुर के ग्राम बछवल से 100 मीटर दूर ऑन रोड अभी कुछ दिन पहले लगभग पचासों पेड़ सागौन के बन माफियाओं द्वारा काटा गया था।फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हूई।

इसके बाद नगर पंचायत परसदेपुर के अंदर नीम का पेड़ काटकर उठा ले गए।फिर नया पुरवा से आम का पेड़ वहीं मियापुर ग्राम मधुकर पुर से नीम का पेड़,पदमन पुर बिजौली से नीम का पेड़ जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंच गई फिर भी कार्यवाही की बात कहते रहे और इधर हरियाली की हत्या होती रही। यह अभी हफ्ते और 15 दिनों के अंदर वन  माफियाओं के द्वारा उच्चाधिकारियों के सहयोग का आंकड़ा है।

हद तो तब हो गई जब इतनी शिकायत के बाद बीती रात बृहस्पतिवार को नगर पंचायत परसदेपुर के माता मिढूरिन मंदिर के पास हरा भरा आम का पेड़ काट ले गए तथा बीती रात शुक्रवार को ही फिर से सागवान का 16 पेड़ मधुकरपुर के पास काट रफूचक्कर हो गए हद तो जब होती है जब वन विभाग और पुलिस विभाग को सूचना दी जाती है तो दोनों कहते हैं कि मुझे कोई जानकारी नहीं है साहब इतना ही नहीं बन माफिया आसानी से ट्रैक्टर से लकड़ी ले गए लेकिन बन विभाग और पुलिस विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाई।दबी जुबान ग्रामीणों ने बताया कि अगर डीएफओ से शिकायत की जाती है तो रेंजर से शिकायत करने की बात कह कर फोन काट देते है।

बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर प्रतिबंधित लकड़ी की ढुलाई

बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर प्रतिबंधित लकड़ी की ढुलाई करते है वहीं जिम्मेदार आंख मूंद लेते है।ट्रैक्टर न दिखाई देने के पीछे चंद सिक्के दिखाई देते है। नाम न छापने की सर्त पर लोगों ने बताया कि गंगा जमुना में धुले पाक साफ ऐसे दो कर्मचारी बन विभाग में है जिनके माध्यम से कोई भी बाग की हत्या करवा सकता है।और उस पर आंच नहीं आने पाएगी।ज्यादा होगा तो एक दो पेड़ो पर जुर्माना कराकर साफ बचा लेगा।

गंगा जमुना की तरह पवित्र कमाऊ और योग्य वन  रक्षक को कौन अधिकारी अपने से दूर करेगा। ऐसे छोटे स्तर के कर्मचारियों पर शिकंजा विभाग को कसना ही पड़ेगा तभी डीह क्षेत्र की हरियाली बच पाएगी।देखना यह है कि  वन  माफिया और उसमे संलिप्त गठजोड़ कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही होती है।जिससे योगी सरकार के अधिक से अधिक वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ का सपना पूरा हो सके।

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