आचार्य सुधांशु और अनिल जोशी ने दिए शिल्पी चडढा स्मृति सम्मान
नयी दिल्ली : कला-संस्कृति साहित्य और सामाजिक सरोकारों को समर्पित, सविता चड्ढा जन सेवा समिति द्वारा अपनी बेटी शिल्पी की याद में दिए चार सम्मान। सविता चड्ढा ने स्वागत संबोधन में कहा “ उदासियों को उत्सव में बदलने का नाम है: शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान।‘’ कार्यक्रम में आशीर्वचन के लिए और अध्यक्ष के रूप में उपस्थित सुधांशु महाराज ने इस आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की, सविता चड्ढा के लेखन और उनके सामाजिक कार्यों, उनकी उपलब्धियों पर प्रसन्नता प्रकट की और भविष्य के लिए शुभकामनायें दीं।अनिल जोशी ने सभी सम्मानित रचनाकारों को बधाई दी एवं लेखकीय सरोकारों के माध्यम से ,सामाजिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन की सराहना की.
2022 का शिल्पी चड्ढा समृति सम्मान बैंगलोर के राही राज को दिया गया , जिसके अंतर्गत 5100 रूपए की राशि के साथ सम्मान पत्र, अंगवस्त्रम, प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। किसी एक शख्सियत को समाजोपयोगी उत्कृष्ट और उल्लेखनीय कार्यो के लिए शिल्पी चड्ढा समृति- “हीरों में हीरा सम्मान” दिया जाता है। वर्ष 2022 का हीरों में हीरा सम्मान ,समाजसेवी इंद्रजीत शर्मा को दिया गया, सुनीति रावत को शिल्पी चड्ढा समृति- साहित्यकार सम्मान और ब्रिज माहिर को गीतकार सम्मान प्रदान किया गया।
आज के आयोजन के मुख्य अतिथि , हिंदी शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष अनिल जोशी ने शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान समारोह में उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सविता चड्ढा के लेखन और उनके समाजोपयोगी कार्यों की सराहना की. इस वर्ष उन्हें प्राप्त सभी सम्मानों लिए बधाई देते हुए उन्होंने आज के सभी पुरस्कार विजेताओं और सभी प्रतिभागियों को भी बधाई दी। बेटी की याद में दिए जाने वाले सम्मानों अनिल जोशी ने प्रशंसा की ।
निर्णायक के रूप में उपस्थित डॉ कल्पना पांडेय और डॉ पुष्प सिंह बिसेन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन सबका मत था की ये पुरस्कार किसी बड़े पुरस्कार से किसी भी तरह कम नहीं है। उन्होंने निर्णय की पारदर्शिता की भी सराहना की।
इस अवसर पर प्राप्त प्राप्त पुस्तकों में से चयनित पुस्तकों के लेखकों को भी सम्मानित किया गया। एस. डी. तिवारी,(जी लो बचपन), निहाल चंद्र शिवहरे (मेरी इक्यावन लघु कथाएं), पुष्पा सिन्हा( बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ),डॉ शील कौशिक (आँखों में ठहरे पल), डॉ नीलिमा वर्मा (अनमोल परी), डॉ इन्दर कुमार शर्मा(पिताजी ), शन्नो श्रीवास्तव (माँ की डायरी), गोविन्द अनुज ( बूँद बूँद चांदनी झरी), सभी लेखकों को समिति द्वारा अंगवस्त्रम, माला प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का प्रभावी एवं कुशल संचालन डॉ कल्पना पांडेय ने किया । आभार डा ओम प्रकाश प्रजापति ने किया। इस अवसर पर देश भर के लेखक, कवि और साहित्यकार उपस्थित थे.