बीजेपी के 29 और शिंदे गुट से 13 विधायक मंत्री बनने की कगार में, ये है संभावित सूची

उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद से अब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट के बीच सरकार बनाने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में बीजेपी के देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनेगी, जिसमें एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। इसके अलावा शिंदे गुट से 13 विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। वहीं बीजेपी से 29 विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद है। इसी बीच, दोनों गुटों से मंत्री बनने वालों की संभावित सूची भी सामने आ गई है।

बीजेपी से इन्हें बनाया जा सकता है कैबिनेट मंत्री : 
देवेंद्र फडणवीस (मुख्यमंत्री), चंद्रकांत पाटिल, चंद्रशेखर बावनकुले, विजयकुमार देशमुख या सुभाष देशमुख, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, आशीष शेलार, प्रवीण दारेकर, गणेश नाइक, राधाकृष्ण विखे पाटिल, डॉ. अशोक उइके, सुरेश खाड़े, जयकुमार रावल, संभाजी पाटिल निलंगेकर, मंगल प्रभात लोढ़ा, संजय कुटे, रवींद्र चव्हाण, अतुल सावे, देवयानी फरांडे, माधुरी मिसाल और रणधीर सावरकर।

ये बन सकते हैं बीजेपी की ओर से राज्यमंत्री : 
बीजेपी की ओर से राज्यमंत्री बनने वालों में प्रशांत ठाकुर, मदन येरावर, प्रसाद लाड, जयकुमार गोरे, महेश लांडगे या राहुल कुलनिलय नाइक, बंटी बंगाड़िया और गोपीचंद पडलकर।

शिंदे गुट से ये बन सकते हैं कैबिनेट मंत्री : 
एकनाथ शिंदे (उपमुख्यमंत्री) गुलाबराव पाटिल, अब्दुल सत्तार, संजय राठौड़, उदय सामंत, दादा भुसे, शंभूराज देसाई, तानाजी सावंतो, बच्चू कडु

शिंदे गुट से इन्हें मिल सकता है राज्यमंत्री पद : 
शिंदे गुट से जिन्हें राज्य मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें संदीपन भुमरे, दीपक केसरकर, संजय शिरसाट और भारत गोगावले शामिल हैं।

31 महीने बाद उद्धव ठाकरे ने दिया इस्तीफा : 
बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला सुनाया था। हालांकि, इसके फौरन बाद ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार रात को ही उन्होंने अपनी इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदल दिया। औरंगाबाद को अब संभाजी नगर और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा।

क्या है पूरा मामला ?
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में करीब 40 विधायकों ने उद्धव सरकार (महा विकास अघाड़ी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शिंदे गुट ने उद्धव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में न तो उनकी बात सुनी जाती थी और कई बार उन्हें सीएम से मिलने के लिए घंटों गेट पर इंतजार करना पड़ता था। इसके साथ ही वो नहीं चाहते कि उद्धव सरकार एनसीपी के साथ सरकार चलाए। इसके बाद से ही महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

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