कांग्रेस कार्यालय में मनाई गई रानी लक्ष्मीबाई,इन्दिरा गांधी की जयंती

शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा के नेतृत्व में नगर पंचायत के भवानीगढ़ चौराहा स्थित कांग्रेस कार्यालय में शिवगढ़ ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक रानीलक्ष्मी बाई व देश के पूर्व प्रधानमंत्री आयरन लेडी इन्दिरा गांधी का जन्मदिन मनाया गया। इस मौके पर उपस्थित कांग्रेसियों ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आदर्शों एवं पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। इसके साथ ही कांग्रेसियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ पहुंच कर मरीजों को फल वितरित किए। ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा ने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वीरता,साहस एवं पराक्रम के लिए मशहूर रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। जिनका जन्म 19 नवम्बर सन् 1828 को काशी के असीघाट, वाराणसी में मोरोपंत तांबे और भागीरथी बाई के घर एक असाधारण बालिका के रुप में हुआ था। जिन्हे प्यार से मनु कहा जाता था जिसका नाम ‘मणिकर्णिका’ रखा गया था। मनु जब लगभग चार वर्ष की थी, उनकी माता का देहांत हो गया था। बचपन मां के दुलार से वंचित रहा लेकिन भारत मां का लाड़-प्यार उनपर बेपनाह बरसा। आज भी जब किसी लड़की के द्वारा विशेष बहादुरी का काम किया जाता है तो उसकी हौसला अफजाई करने के लिए उसे ’झांसी की रानी’ कह देने मात्र से उसके भीतर जोश का समुद्र उफान लेने लगता है। नि:संदेह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई महिला सशक्तिकरण की भारतीय ब्रांड अम्बेसडर हैं।

वहीं इन्दिरा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उन्होंने इकोले नौवेल्ले, बेक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांति निकेतन और समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की। उन्हें विश्व भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। प्रभावशाली शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारण उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण दिया गया।श्रीमती इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया। सितम्बर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1947 में इन्होंने गाँधी जी के मार्गदर्शन में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया। रामकिशोर मौर्य ने कहाकि इन्दिरा गांधी भारतीय राजनीतिज्ञ थीं जो भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। वह लगातार तीन कार्यकाल (1966-77) तक भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री रहीं तथा 1980 से 1984 में उनकी हत्या होने तक चौथी बार राष्ट्रपति रहीं। इस मौके पर ममता सिंह,अशोक यादव,संतोष शुक्ल,संतोष द्विवेदी,अश्विनी अवस्थी,दिनेश यादव,रामू रावत,महेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

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