तिरुपति के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी होने का दावा, कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

श्री डेस्क : आंध्र प्रदेश के मशहूर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

दावा किया जा रहा है कि प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिली हुई है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी गुरुवार को कहा, ”पिछली सरकार के दौरान तिरुमला लड्डू को बनाने में शुद्ध घी की बजाय जानवरों की चर्बी वाला घी इस्तेमाल किया जाता था.”

जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने नायडू की टिप्पणी पर विरोध जताया है और इन आरोपों को ख़ारिज किया है. इस मामले पर बीजेपी समेत कई राजनीतिक दल अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी जिस रिपोर्ट के हवाले से ये दावा कर रही है, बीबीसी उस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं करता है.

इस मामले में कौन क्या कह रहा है और प्रसाद का ये लड्डू कौन सा है, जो पहले भी विवादों में रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है.

उन्होंने कहा, “मैंने चंद्रबाबू नायडू से बात की है. मैंने उनसे कहा है कि वो मुझे जो भी उपलब्ध जानकारी है उसकी रिपोर्ट भेज दें. मैं स्टेट रेगुलेटरों से भी बात करुंगा. जिस सोर्स से रिपोर्ट आई है उनसे भी बात करुंगा. सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक उचित कार्रवाई की जाएगी.”

उधर आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिला रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इस सारे मामले की जांच सीबीआई से करवाने का आग्रह किया है.

उन्होंने लिखा है, “मामले की गंभीरता को देखते हुए हम आपसे तुरंत सीबीआई जांच करवाने का निवेदन करते हैं. अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो ज़िम्मेदार लोगों को कानूनी परिणाम भुगतने चाहिए.”

Claim of animal fat in Tirupati's Laddu Prasad, Congress demands CBI inquiry

जिस रिपोर्ट के हवाले आरोप लगाए गए, उसमें क्या है

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु जाते हैं. मंदिर जाने वाले लोगों को प्रसाद में लड्डू दिया जाता है.

टीडीपी ने गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के हवाले से बताया है कि लड्डू में जानवरों की चर्बी होने की पुष्टि हुई है.

बीबीसी ने एनडीडीबी से संपर्क किया है. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उन्हें मिले सैंपल गोपनीय होते हैं और उनपर किसी स्थान या व्यक्ति का नाम नहीं होता.

इस अधिकारी ने बताया कि उनकी लैब को सैंपल मिले थे लेकिन उन्होंने रिपोर्ट के बारे में ये कहते हुए बताने से इनकार किया कि इस प्रक्रिया की सारी जानकारी गोपनीय होती है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एनडीडीबी बाद में इस विषय पर प्रेस रिलीज जारी कर सकता है.

जो रिपोर्ट शेयर की जा रही है, उसमें भी इस बात का ज़िक्र नहीं दिखा है कि सैंपल तिरुपति मंदिर का है.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा, ”लड्डू और दूसरे प्रसाद बनाने के लिए जो घी इस्तेमाल होता है, वो वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दौर में कई एजेंसियों से लिया गया था.”

टीडीपी की ओर से जो रिपोर्ट पेश की जा रही है, उसमें कई चीज़ों का ज़िक्र है.

इसमें सोया बीन, सूरजमुखी, कपास का बीज, नारियल जैसी चीज़ें लिखी हैं. मगर जिन चीज़ों पर आपत्ति जताई जा रही है, वो हैं- लार्ड, बीफ टेलो और फिश ऑयल.

लार्ड यानी किसी चरबी को पिघलाने पर निकलने वाला सफेद सा पदार्थ. फिश ऑयल यानी मछली का तेल और बीफ टेलो यानी बीफ की चर्बी को गर्म करके निकाले जाने वाला तेल.

साथ ही ये भी दावा गया है कि इनमें तय अनुपात के हिसाब से चीज़ें नहीं थीं. इसे एस वैल्यू कहा गया है. यानी अगर ऊपर लिखी चीज़ों का एस वैल्यू सही नहीं है तो ये गड़बड़ बात है.

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