At the age of 21 years and 24 days, Aman Sehrawat has become India's youngest Olympic medalist. Aman gave India its first bronze medal in wrestling in the Paris Olympics.

21 साल 24 दिन की उम्र में अमन सहरावत भारत के सबसे युवा ओलिंपिक मेडलिस्ट बन गए हैं। अमन ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को रेसलिंग का पहला ब्रॉन्ज मेडल दिलाया।

श्री डेस्क  : पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के लिए वजन मेंटेन रखना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। शुक्रवार को अमन सहरावत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता, लेकिन इस मुकाबले से पहले उन्हें रातभर वजन कम करना पड़ा। विनेश फोगाट की तरह पुरुष पहलवान का भी वजन बढ़ गया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सेमीफाइनल मैच के बाद अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। इसके बाद उन्होंने 10 घंटे कड़ी मेहनत की और मैच से पहले वजन घटाया। कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले से पहले अमन पूरी रात नहीं सोए और अपने वजन को कम करने में लगे रहे। बता दें कि, विनेश फोगाट को बढ़े वजन के कारण फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालिफाई कर दिया गया।

सेमीफाइनल मैच के बाद अमन के पास ज्यादा वक्त नहीं था। ऐसे में वजन घटाने के मिशन की शुरुआत डेढ़ घंटे के मैट सेशन से हुई, जिसके दौरान दो वरिष्ठ कोचों ने उन्हें कुश्ती करने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद एक घंटे का हॉट बाथ सेशन हुआ। 12:30 बजे वे जिम गए, जहां अमन ने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई। इससे उनका पसीना बहा और उन्हें वजन कम करने से मदद मिली। फिर उन्हें 30 मिनट का ब्रेक दिया गया, उसके बाद पांच मिनट के सौना बाथ के पांच सेशन हुए।

आखिरी सेशन के अंत तक, अमन का वजन 900 ग्राम ज्यादा था। इसके बाद उन्हें मसाज दी गई और फिर कोचों ने उन्हें हल्की जॉगिंग करने के लिए कहा। इसके बाद पांच 15 मिनट के रनिंग सेशन हुए। सुबह 4:30 बजे तक, अमन का वजन 56.9 किलोग्राम था, जो कि उनकी कैटेगरी से 100 ग्राम कम था। वजन कम होने के बाद कोच और पहलवान ने राहत की सांस ली।

भारतीय राष्ट्रीय कुश्ती दल के कोच विरेंद्र दहिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। दहिया ने कहा, “मैंने पूरी रात कुश्ती मुकाबलों के वीडियो देखे।
हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे। हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं। वजन कम करना हमारे लिए सामान्य बात है, लेकिन पिछले दिन (विनेश के साथ) जो हुआ, उसके कारण तनाव था, बहुत तनाव था। हम एक और पदक हाथ से जाने नहीं दे सकते थे।”

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