व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण के लिए एक्स पर चलाया अभियान
रायबरेली : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ब्लॉक इकाईयों की कार्यसमिति,संघर्ष समिति एवं तहसील प्रभारी द्वारा बीआरसी सभागार पर शिक्षकों से सहमति/असहमति पर हस्ताक्षर कराए जाने के बाद आज प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वान पर ट्विटर अभियान चलाया। जनपद के
हजारों शिक्षकों ने अपनी आवाज बुलंद करने के लिए अभियान में बढ-चढकर प्रतिभाग किया।
जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने कहा कि शिक्षकों की जायज मांग 31 उपार्जित अवकाश,12 द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्द्ध-आकस्मिक अवकाश की मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है,शिक्षक समाज आज डरा और सहमा हुआ है।
जिला मंत्री मुकेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि आखिर शिक्षक समाज से किस बात का बदला लिया जा रहा है।समस्याओं का निराकरण न हो तो शिक्षक आखिर कहां जाए।अध्यक्ष संघर्ष समिति पंकज द्विवेदी ने कहा कि मीडिया शिक्षक को बदनाम करने में लगा है और लोगों में भ्रम फैला रहा है।
जनपदीय कोषाध्यक्ष यादवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारियों /कर्मचारियों पर दैनिक उपस्थिति हेतु आनलाइन हाजिरी का प्रावधान लागू नहीं है। जिला संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग गरीब घरों-परिवारों के बच्चों को शिक्षा की सुविधा फ्री में उपलब्ध करा रहा है। जिला लेखाकार गंगा चरण भारती ने कहा कि सरकार बच्चों से उनकी शिक्षा का हक छीनने की साजिश कर रही है।
संघर्ष समिति के जिला मंत्री सुधीर सिंह ने कहा कि शिक्षक का दस फीसदी वेतन तो केवल आवागमन में खर्च हो जाता है।
जनपदीय उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक प्रतिदिन 50-60 कि०मी० तक अपने निजी साधनों से यात्रा करके विद्यालय पहुँचते हैं। जनपदीय संयुक्त मंत्री डा चंद्र मणि बाजपेई ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश भर में मानसून के चलते अधिकांश रास्ते जलभराव से बाधित हैं, कहीं-कहीं सड़के पानी में डूब गयी हैं, शिक्षक दुर्गम मार्गो पर भी बाधाओं को पार करते हुए विद्यालय पहुँच रहे है। शिक्षकों ने अभियान के माध्यम से एक स्वर में कहा कि जब तक हमारी जायज मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक शिक्षक इस प्रकार के किसी भी तुगलकी फरमान को मानने में सक्षम नहीं हैं।
समस्त विकास क्षेत्र के शिक्षक साथियों ने हजारों की संख्या में अभियान में सम्मिलित होकर अपना आक्रोश व्यक्त किया!
हजारों शिक्षकों ने अपनी आवाज बुलंद करने के लिए अभियान में बढ-चढकर प्रतिभाग किया।
जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने कहा कि शिक्षकों की जायज मांग 31 उपार्जित अवकाश,12 द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्द्ध-आकस्मिक अवकाश की मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है,शिक्षक समाज आज डरा और सहमा हुआ है।
जिला मंत्री मुकेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि आखिर शिक्षक समाज से किस बात का बदला लिया जा रहा है।समस्याओं का निराकरण न हो तो शिक्षक आखिर कहां जाए।अध्यक्ष संघर्ष समिति पंकज द्विवेदी ने कहा कि मीडिया शिक्षक को बदनाम करने में लगा है और लोगों में भ्रम फैला रहा है।
जनपदीय कोषाध्यक्ष यादवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारियों /कर्मचारियों पर दैनिक उपस्थिति हेतु आनलाइन हाजिरी का प्रावधान लागू नहीं है। जिला संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग गरीब घरों-परिवारों के बच्चों को शिक्षा की सुविधा फ्री में उपलब्ध करा रहा है। जिला लेखाकार गंगा चरण भारती ने कहा कि सरकार बच्चों से उनकी शिक्षा का हक छीनने की साजिश कर रही है।
संघर्ष समिति के जिला मंत्री सुधीर सिंह ने कहा कि शिक्षक का दस फीसदी वेतन तो केवल आवागमन में खर्च हो जाता है।
जनपदीय उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक प्रतिदिन 50-60 कि०मी० तक अपने निजी साधनों से यात्रा करके विद्यालय पहुँचते हैं। जनपदीय संयुक्त मंत्री डा चंद्र मणि बाजपेई ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश भर में मानसून के चलते अधिकांश रास्ते जलभराव से बाधित हैं, कहीं-कहीं सड़के पानी में डूब गयी हैं, शिक्षक दुर्गम मार्गो पर भी बाधाओं को पार करते हुए विद्यालय पहुँच रहे है। शिक्षकों ने अभियान के माध्यम से एक स्वर में कहा कि जब तक हमारी जायज मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक शिक्षक इस प्रकार के किसी भी तुगलकी फरमान को मानने में सक्षम नहीं हैं।
समस्त विकास क्षेत्र के शिक्षक साथियों ने हजारों की संख्या में अभियान में सम्मिलित होकर अपना आक्रोश व्यक्त किया!