रामहर्ष मौर्य की 14 वी पुण्य तिथि पर अयोजित हुआ कवि सम्मेलन
- रायबरेली शहर आमावा ब्लाक स्थिति गांव पूरे बन में स्व. पिता रामहर्ष मौर्य की 14 वी पुण्य तिथि पर अयोजित हुआ कवि सम्मेलन एवम पुस्तक जिंदगी की सैर का अनावरण ।
Raebareli : एक पुत्र अपने पिता की स्मृति में पिछले 14 वर्षों से श्रद्धांजलि समारोह अयोजित करते रहें हैं इस वर्ष अपने पिता के पद चिन्हों पर चलने वाली अपनी संकल्प को चरितार्थ करते हुई एक बेटी (अदिती सिंह सदर विधायक रायबरेली ) कवि सम्मेलन की रूप रेखा मे मां सरस्वती की प्रतिमा का दीप प्रजवल्लन एवं आयोजक राम कुबेर मौर्य की पुस्तक जिंदगी की सैर की कवर पेज का अनावरण भी किया ।तथा लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए निर्भीक करते हुए अदिति सिंह ने कहा आप सभी किसी भी समय मिल सकते है।
पुस्तक जिन्दगी की सैर पर चर्चा करते हुए राम कुबेर मौर्य नेबताया की हम माननीय अदिति सिंह के दादा स्व.धुन्नी सिंह से जीवन में जीने की राह सीखी और पिता स्व.अखिलेश सिंह से जब इसके बारे में वार्ता हुई तब उन्होंने ने कहा अभी तक जीवन में मैंने सैर किया अब मेरी जिंदगी सैर करेगी। यही मेरी पुस्तक का शीर्षक बन गया।
अंतिम में अपनी कविता पढ़ते हुए कहा करोगे गर नजरंदाज नज़र हम फिर न आयेंगे, छोड़कर राह को तेरी राह खुद अपनाएंगे।
कार्यक्रम में दूर दराज से आए कवि व शायर जिनमें रहे पुनीत पांचाल( हरियाणा) , रमेश मौर्य(मध्य प्रदेश) , दानमती विश्वकर्मा (बाराबंकी) ,राम नरेश पाल (लखनऊ) सोनू पाल ( बछरावां) सूर्यकांत अंगारा (उन्नाव) राघवेंद्र सिंह राघव(रायबरेली) , अमर पाल अमर ( संयोजक ,रायबरेली) त्रिभुवन प्रभाकर(रायबरेली )
कार्यक्रम का संयोजन कर रहे अमर पाल अमर ने एक से एक शेर पढ़कर कवियों को आमंत्रित किया। सूर्यकांत अंगारा पढ़ते हैं,
कोई बैठे न मन से हार के लड़ने वाला,हार भी जीत की शुरुआत हुआ करती है। मध्य प्रदेश से रमेश मौर्य सम्राट कहते हैं,क्या लिखूँ उनके लिए, जिसने मुझे लिखा है दुनिया का हर दर्द मुझे पिता में दिखा है। वहीं हरियाणा से वीर रस के कवि पुनीत पांचाल लोगों में उत्साह भरते हुए पढ़ा,एक गाल पर थप्पड़ खा यदि दूजा गाल बढ़ाओगे,आने वाली कई सदियों तक तुम कायर कहलाओगै ।
हास्य के कवि राघवेंद्र सिंह राघव पढ़ते हुए कहते हैं मैं प्रेमी नंबर शोला हू लोगों को हंसा हंसा कर रूला दिया और दर्शकों ने कवि सम्मेलन और भोज का आनंद उठाया।