जब कोई दिलेर आएगा तब शराब और गाय, पशु-पक्षी की हत्या बंद हो जाएगी,राजनीतिक पार्टियों में शराबी, मांसाहारी, अपराधियों, भ्रष्टाचारियों को न रखा जाए
ओम प्रकाश श्रीवास्तव/ बाराबंकी : उत्तर प्रदेश देश, समाज परिवार के हित में, पूरी व्यवस्था में ही स्थाई सुधार ला देने के अचूक और सरल उपाय बताने वाले, जिन्हें कोई भी व्यक्ति, पार्टी या दल रुपया-पैसा, पद-प्रतिष्ठा आदि का लालच देकर कभी नहीं खरीद सकता, डंके की चोट पर बिना डरे स्पष्ट रूप से सत्य बात कहने वाले, महान समाज सुधारक, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 15 अक्टूबर 2022 प्रातः पूर्णिया (बिहार) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यदि कानून बन जाए कि गौ हत्या नहीं होगी, किसी भी जानवर की हत्या कोई नहीं करेगा तब तो यह अभी बंद हो सकता है। लेकिन आपको यह (करने की) पावर नहीं है। लेकिन अगर मांस खाना लोग बंद कर दें तो कोई हत्या होगी? कोई जानवर काटा जाएगा? कोई मुर्गा, भैसा, बकरा काटा जाएगा? नहीं काटा जाएगा। इसलिए यह अभियान तो आप चलाई ही सकते हो। नहीं कुछ है तो आपके घर में ही कोई मांसाहारी हो, उसी को समझा कर सही कर लो। जाति-बिरादरी में, पड़ोसी, मिलने-जुलने वाला है, उसी को सही करो तो आपका शरीर अच्छे काम में लगेगा तो। मनुष्य ही परोपकार, दूसरों की मदद, दूसरों के लिए कुछ कर सकता है बाकी जानवर तो आप-आप ही चरें, वह तो अपने लिए ही करते हैं। तो यह एक परोपकार का काम भी करो कि आप लोगों को शाकाहारी, नशा मुक्त बनाओ।
कहीं विधायकी ही न खत्म हो जाए
महाराज जी ने 11 अगस्त 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि हमारी आपसे यही प्रार्थना है कि जितने भी पक्ष-विपक्ष के नेता, जो कहलाते हो, आपको मान्यता लोगों ने जो दे रखा है, आपका यह फर्ज बनता है कि आप परिस्थितियों को समझो, गहन अध्ययन करो। अब यह कोई शाकाहारी नशा मुक्त ही कर सकता है। शराब पीने वाला कभी नहीं कर सकता है। नशे का सेवन करने वाला, कहां से इन सब चीजों को सोच पाएगा? मैंने देखा राजस्थान में शाकाहारी लोग ज्यादा है और शाकाहारी को पसंद करते हैं। शाकाहारी एमएलए, एमपी भी आप लोग हो। आप लोग अपना विचार इन नेताओं के सामने रखो। अगर कोई मांसाहारी शराबी है तो भी उनके सामने विचार रखो। अब बहुत हो गया, अब ज्यादा दिन इसको मत खींचो, अब निर्णय ले लो, फायदे का काम कर लो। कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि जो इतना मेहनत, दौड़-धूप किये कि चलो भाई हम सेवा करेंगे, एमएलए बन जाएंगे, वह एमएलएशिप, विधायकी ही खत्म हो जाए, सेवा करने का अवसर ही चला जाए। इसलिए बनाए रखो, आपका समय जब तक है, बनाये रखो। और वहां से निकलने के बाद, सजा काटने के बाद, आप जनता की सेवा में लग जाओ। बंधन क्या होता है? सजा ही एक तरह की होती है। जेल में बंद होना बड़ी सजा होती है। और किसी को दो घंटे कही बैठा देना, वह भी सजा होती है। सजा काट के जब निकलो तो सेवा में लग जाओ। दौड़-धूप करके जो कमी रह गई, उसको जल्दी से जल्दी पूरा कर लो।
राजनीतिक पार्टियों में अपराधी भ्रष्टाचारियों को न रखा जाए
महाराज जी ने 1 नवंबर 2020 को उज्जैन आश्रम में बताया कि भारत ही नहीं, विश्व के जितने भी राजनीतिज्ञ हैं, अगर राजनीतिक से अपराध और अपराधियों को, व्यापारीकरण नहीं हटाएंगे तो एक दिन जनता ही इनसे हाथ जोड़ लेगी, हटा देगी, प्रार्थना करेगी कि अब आप लोग संयास ले लीजिए, अब हमें आपकी जरूरत नहीं है। इसीलिए विश्व के सभी नेताओं से मेरी गुजारिश, अपील, प्रार्थना है कि आप लोग अपराधी प्रवत्ति छोड़ दीजिए। अपराधियों को शह देना छोड़ दीजिए। अपनी-अपनी पार्टियों में अपराधियों को, भ्रष्टाचारियों को न रखें। अच्छे लोगों को रखिए। अच्छे लोगों की कमी नहीं है। अच्छे लोग जहां रहेंगे, हर जगह अच्छाई का काम करेंगे। शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त, चरित्रवान लोग अच्छा और स्थाई काम करेंगे। और अपराधी प्रवृत्ति वाले, खराब खान-पान, गलत चाल-चलन वाले लोग किसी भी व्यक्ति, पार्टी की तरक्की में ब्रेकर बन जाएंगे। जैसे रोड पर ब्रेकर होता है तो गाड़ियों को रुकना ही पड़ता है। ऐसे ब्रेकर ये बन जाएंगे। ऐसे तरक्की नहीं हो सकती है। भारत देश में गलत लोगों से न तो बरकत मिल सकती है, न देश की, न समाज की, न किसी पार्टी की तरक्की हो सकती है और न जनता की भलाई हो सकती है। मैं आदेश नहीं दे सकता हूं, निवेदन कर सकता हूं। आप सभी लोग अपराध से और अपराधियों से दूर हो जाइए और शाकाहारी, नशा मुक्त, चरित्रवान बन जाइए। अब यह तीन गुण प्रमुख रूप से आपके अंदर आ गए तो आप राजनीति, व्यापार, खेती, कोई भी रिसर्च करिए, उसके साथ हमारे गुरु महाराज की दया आपके साथ रहेगी और आप तरक्की कर जाओगे। करके देख लो।
जब कोई दिलेर आएगा तब शराब और गाय, पशु-पक्षी की हत्या बंद हो जाएगी
महाराज जी ने 2 अगस्त 2020 सायं उज्जैन आश्रम में बताया कि खबर आई कि पंजाब में 80-85 लोग जहरीली शराब पीने से मर गए। अब आप सोचो जहरीली शराब किसने पिलाई? दुकान किसने खुलवाया? जो हुकूमत में हैं। अब दूसरी पार्टी के लोग कह रहे हैं कि शराब पीने से मरने वालों को 25-25 लाख मुआवजा दिया जाए। अब यह कौन देगा? यह कोई अपनी तनख्वाह से देंगे? सरकारी कोष से देंगे। पैसा किसका जाएगा? जनता का जाएगा। जरूरत क्या है? एक लाइन का कानून बना दो। प्रदेश में, देश में आज से शराबबंदी लागू की जा रही है। कुछ (विवाद आदि) नहीं होगा। न शराब पीकर के एक्सीडेंट में लोग गिरेंगे, न आपको एंबुलेंस भेज करके उनको उठा करके लाना पड़ेगा, न रात को डॉक्टर को जगना पड़ेगा, न नर्स को पट्टी मरम्मत करना पड़ेगा। शराब की वजह से होने वाला सब लड़ाई-झगड़ा और अपराध बंद हो जाएगा। तो ऐसा क्यों नहीं करते हैं? (ये सोच बन गयी है कि) जो यह करें, सो मैं करूं। जो पहले लोग करते आये, वही मैं करूं। यह एक बोतल शराब पीते हैं तो हम दो बोतल क्यों नहीं पिए। तो शराब के नशे में गद्दी पर बैठ करके कोई शराबबंदी कर सकता है? कभी नहीं। गौ का मांस खाने वाले जब गद्दी पर बैठ कर कानून बनाने वाले बनेंगे तो क्या वो गौ हत्या कभी बंद कर सकते हैं? कभी भी नहीं। वह तो समय आएगा, जब नियम-कानून में परिवर्तन होगा। जब कोई दिलेर आएगा, दिल से चाहेगा और हिम्मत जब जुटायेगा तब शराब, गौ हत्या, पशु-पक्षी की भी हत्या बंद हो जाएगी। आये दिन मांस के चक्कर में कि यह गौ, भैसा, बकरे का है, मारपीट कोई नहीं करेगा। आए दिन यह घटना है। अभी पेपर उठा करके देखो। अभी कल भी मारपीट हुई है। कहीं न कहीं रोज होती है। कभी-कभी कोई घटना प्रकाश में आ जाती है, तो उसको यह (न्यूज़ में) दे देते हैं। इन सब चीजों की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। तो कांटा ही क्यों नहीं निकाल देते हो? (घाव को) पकने, फूटने क्यों देते हो? लेकिन आप तो, जो यह करे सो मैं करूं, तो प्रजातंत्र दूषित होगा कि नहीं होगा। प्रजातंत्र का गला घुटेगा या नहीं? प्रजातंत्र का नाश होगा कि नहीं होगा? समय आएगा, संविधान में परिवर्तन होगा, अच्छे शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्ति व्यक्ति जब आएंगे तब इस तरह से कानून बनाने वालों को भगना नहीं पड़ेगा।