जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर 856  गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांच

  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस 85 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित
  • 306 गर्भवती को अल्ट्रासाउंड के लिए ई-रुपी वाउचर दिये गये

उपेन्द्र शर्मा/बुलंदशहर। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर शनिवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस  पर शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच की गईं। अभियान के तहत जांच में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली 85 गर्भवती की पहचान हुई। चिकित्सकों ने इन गर्भवती को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया, जिससे समय पर बेहतर उपचार उपलब्ध कराकर सुरक्षित प्रसव हो सके। इस अवसर पर 306 गर्भवती को अल्ट्रासाउंड के लिए ई-रुपी वाउचर दिये गये।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया- गर्भवती की प्रसव से पहले सभी जांच जरूरी हैं। जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर महीने की एक, नौ, 16 और 24 तारीख को गर्भवती की जांच के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। शनिवार को जनपद के जिला अस्पताल सहित 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजन किए गया। इनमें 856 गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच की गई। उन्होंने कहा- सभी गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है, जिससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम में गर्भवती को सही खान-पान और पोषण के बारे में जानकारी दी गयी, जिससे जच्चा बच्चा सुरक्षित रह सके।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार सिंह ने बताया- स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली अधिकतर गर्भवती संसाधन विहीन, वंचित समुदाय से तथा दूर दराज के गांवों से आती हैं। अतः प्रयास किया जाता है कि आने वाली समस्त गर्भवती को उसी दिन सभी जाँच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) उपलब्ध कराई जायें, जिससे उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाई पर न आना पड़े। यदि सम्बन्धित चिकित्सालय पर कोई जांच उपलब्ध नहीं है, तो उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित कर सेवा प्रदान की जाए। गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) में रखा जाता है। इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक से प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जनपद में आयोजित कार्यक्रम के तहत 856 महिलाओं की जांच हुई है जिसमें 85 हाई रिस्क प्रेगनेंसी गर्भवती मिली हैं। 306 गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड कराएं गये।

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