पर्यावरण को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी : आशुतोष शुक्ल

बछरावां: भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) ने मिशन लाइफ पर जोर देते हुए 5 जून 2023 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने की परिकल्पना की है।

इस मिशन लाइफ की अवधारणा का उद्देश्य लोगों को अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करके स्थायी जीवनचर्या को बढ़ावा देना है और पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के उद्देश्य से संसाधनों के जिम्मेदारी तथा जागरूकता के साथ उपयोग पर बल देना है।इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आज प्राथमिक विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

प्राथमिक विद्यालय गोझवा में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामवासियों एवम बच्चों को संबोधित करते हुए प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवम उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आशुतोष शुक्ल ने कहा कि डिस्पोजल और टिशू पेपर सहित विभिन्न चीजें वनों के लिए विनाशकारी साबित हो रही है । रोज 1 करोड से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं, जिससे आने वाला समय भयानक नजर आ रहा है। पेड़ों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए  शुक्ल ने कहा कि लगातार घट रहे वनों के कारण पशु पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं ।

शुक्ल ने विद्यालयों में अधिक पेड़ लगाकर ग्रीन स्कूल बनाने एवं प्लास्टिक को लॉक करने के बारे में भी विस्तृत विचार व्यक्त किए। इसके अतिरिक्त विद्यालय के छात्रों की प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा गया।जिसमें सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

अभिभावकों ने आज पर्यावरण को बचाने की शपथ ली तथा पौधारोपण कर पर्यावरण को और अधिक स्वच्छ एवं सुंदर बनाने का संकल्प लिया गया।प्राथमिक विद्यालय सुदौली के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार ने अपने विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय दूषित वातावरण में पेड़-पौधों का होना मनुष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जंगल, फलदार वृक्ष तथा हरे भरे पेड़ों के अंधाधुंध कटान से पर्यावरण असंतुलन का खतरा बढ़ता जा रहा है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षों को लगाने के साथ-साथ उन्हें बचाने का भी संकल्प लेना चाहिए।प्राथमिक विद्यालय महेरी में हुए कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवम उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के कोषाध्यक्ष राम प्रकाश ने इस नारे के साथ कि पौधे लगाना ही नहीं बचाना भी है और सतत विकास की अवधारणा को बनाए रखना है। हमें प्रयास करना चाहिए कि जो हमें मिल रहा है।

हम अपनी आने वाली पीढ़ी को उससे बेहतर सौंपकर जाएं।प्राथमिक विद्यालय रघुनाथखेड़ा2 के प्रधानाध्यापक एवम उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के ससरंक्षक राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है. लोगों को पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति जागरूक करना है.।इस दिवस को मनाने का उद्धेश्‍य पर्यावरण की समस्‍याओं को मानवीय चेहरा देने के साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है।

उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के कार्यकारी अध्यक्ष लोकतंत्र शुक्ल ने भी अपने विद्यालय में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस स्वच्छ प्रदूषण तथा वृक्ष को अधिक से अधिक रोपित करने की आवश्यकता है। सभी लोगों को मिलकर वृक्ष लगाना चाहिए यह सभी दैनिक जीवन के साथ सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है।जल प्रदूषण वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता उन्होंने कहा कि मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना बर्बाद करना वृक्ष की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना कराना आदि पर पर्यावरण पर बुरी तरह से प्रभावित करता है जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतान करना पड़ता है।

प्राथमिक विद्यालय टोडरपुर के प्रधानाध्यापक एवम उपाध्यक्ष राहुल वर्मा ने बच्चों से कहा कि प्रकृति की रक्षा और पर्यावरण का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है, इसलिए इसकी खातिर हर इंसान को आगे आना होगा, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा करके हम मानव जीवन को सुरक्षित कर सकें।प्राथमिक विद्यालय कलागढ़ी में प्रधानाध्यापक प्रशांतमोहन ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी अभिभावकों को पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प दिलाया।

कंपोजिट विद्यालय सब्जी में प्रभारी प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार ने लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण पर आधारित एक जागरूकता रैली निकाली। इस रैली के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक किया गया। इसी कड़ी में पौधारोपण भी विद्यालय में किया गया। पूरे कार्यक्रम में बच्चों को स्थानीय, राष्ट्रीय और ग्लोबल स्तर पर पर्यावरण में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं और उनसे किस तरह निपटा जा सकता के बारे में विस्तार से बताया गया।

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