मैसूर साहित्य महोत्सव: साहित्यकार सविता चड्ढा को मिलेगा प्रज्ञान विश्वम सम्मान
नई दिल्ली –अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति का तीन दिवसीय अठारहवां राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 19/ 20/21 जून को कर्नाटक के ऐतिहासिक नगर मैसूर के “रॉयल इन” सभागार में आयोजित किया जा रहा है। वैश्विक चिंतक कवि प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव की अध्यक्षता में होने जा रहे इस राष्ट्रीय अधिवेशन में सुनाम धन्य साहित्यकारों के अलावा प्रतिष्ठित संगीतकार युगल शिव राजोरिया और डॉक्टर ज्योत्सना राजोरिया ( मुंबई, महाराष्ट्र ) के नाम भी उल्लेखनीय हैं। जो साहित्यकार इस अधिवेशन में सम्मिलित हो रहे हैं उनमें दिल्ली से लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार- डॉ सविता चडढा चड्ढा हैं इन्हें इस महोत्सव में प्रज्ञान विश्वम सम्मान दिया जा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सविता चड्ढा को पिछले वर्ष हरियाणा साहित्य अकादमी से हरियाणा गौरव सम्मान मिला है इसके अलावा उन्हें देश भर से साहित्य सृजन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं साहित्य की कई विधाओं की लेखिका डॉ सविता चड्ढा साहित्य सृजन के साथ-साथ समाज सेवा में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। 50 से अधिक पुस्तकों की लेखिका सविता चड्ढा शिल्पी चड्डा स्मृति सम्मान के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष भव्य सम्मान समारोह भी आयोजित करती हैं जिसके अंतर्गत देशभर से साहित्यकारों की सहभागिता उल्लेखनीय है ।
मैसूर साहित्य महोत्सव में देशभर से साहित्यकार भाग ले रहे हैं
लोकप्रिय कवयित्री उमंग सरीन,कर्नाटक के बैंगलुरू से लब्धप्रतिष्ठ गीतकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ, तेवरी के सशक्त हस्ताक्षर दर्शन बेज़ार, सुपरिचत हिंदी सेवी श्रीमती शरद ज्ञानचंद, वरिष्ठ गीतकार सुधा अहलूवालिया,प्रतिष्ठित कवयित्री डॉक्टर कविता सिंह प्रभा, कविवर राही राज, प्रतिष्ठित कवयित्री रचना उनियाल और कर्नाटक के मैसूर से प्रतिष्ठित गीतकार श्रीलाल जोशी, तेलंगाना हैदराबाद से प्रतिष्ठित हिंदी सेवी और लोकप्रिय कवि प्रदीप भट्ट, गुजरात के वडोदरा से लोकप्रिय कवयित्री डॉक्टर राखी सिंह कटियार, बिहार की राजधानी पटना सेऊ लोकप्रिय कवि ऋषि सिन्हा, उत्तराखंड के देहरादून से प्रतिष्ठित कवि सुभाष सैनी, लोकप्रिय गायिका सुमन सैनी, हरियाणा के गुरु ग्राम से लोकप्रिय कवि राजेन्द्र राज निगम, लोकप्रिय कवयित्री इंदु राज निगम, प्रतिष्ठित साहित्यकार वीणा अग्रवाल, राष्ट्रीय राजधानी उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव, प्रतिष्ठित कवयित्री मधु मिश्रा, विख्यात कवि विजय प्रशांत, प्रताप गढ़ से कविवर डॉक्टर एल. बी. तिवारी अक्स, कानपुर से डॉक्टर रश्मि कुलश्रेष्ठ, और अजय कुलश्रेष्ठ, ग़ाज़ियाबाद से प्रतिष्ठित कवयित्री डॉक्टर और समाज सेविका डॉक्टर वीणा मित्तल, राजस्थान के सवाईमाधोपुर से सुप्रसिद्ध शिक्षाविद्, समाज सेवी एवं साहित्य कार डॉक्टर मधु मुकुल चतुर्वेदी, विदुषी साहित्य सेवी इंद्रा चतुर्वेदी, मध्य प्रदेश के इंदौर से प्रतिष्ठित कवि एवं मोटीवेशनल स्पीकर दिनेश दवे “देव”, छतरपुर से लोकप्रिय कवयित्री ममता सिंह और साहित्य सेवी अर्वेन्द्र गहरवार ( छतरपुर) सहित अन्य अनेक प्रतिष्ठित सृजनकर्मी इस अधिवेशन में सम्मिलित हो रहे हैं।
अधिवेशन के पहले सत्र में जहां पृथ्वी संरक्षण और विश्व बंधुत्व के ज्वलंत संदर्भ पर आलेख वाचन,पुस्तक प्रदर्शनी, संस्था की बहुराष्ट्रीय पत्रिका प्रज्ञान विश्वम् तथा कुछ और चुनिंदा पुस्तकों का लोकार्पण और संस्था के प्रतिष्ठित अलंकरण से रचनाकारों को सम्मानित किया जाएगा। अधिवेशन के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। तीसरे दिन शैक्षिक पर्यटन कार्यक्रम के साथ अधिवेशन संपन्न घोषित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि संपूर्ण अधिवेशन का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति (पंजीकृत) साहित्य/कला/संस्कृति और देश की समस्त भाषाओं के उन्नयन को समर्पित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित एक गैर सरकारी देश की एक अगृणी संस्था है जो अभी तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, मुंबई ( महाराष्ट्र), पंजी(गोवा) , गुवाहाटी (असम), श्रीनगर,जम्मू कश्मीर, शिमला ( हिमाचल), बैंगलुरू (कर्नाटक), पोर्टब्लेयर (अंडमान निकोबार) , शिरडी,गांधी नगर (गुजरात), बद्रीनाथ (उत्तराखंड), ग्वालियर ( मध्यप्रदेश), मुरैना ( मध्यप्रदेश),हिसार ( हरियाणा), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), ग़ाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)और मसूरी ( उत्तराखंड) सहित, देश के भिन्न-भिन्न सत्रह राज्यों में अपने राष्ट्रीय अधिवेशन के अलावा देहरादून,इंदौर, नागदा और उज्जैन में भी विशेष साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है।