बच्चों को मीनू के अनुसार नहीं दिया जा रहा मध्यान भोजन तो शिक्षण कार्य के समय होटल पर मौज मस्ती करते अध्यापक
Report- Munna Singh
बाराबंकी : सरकार द्वारा नन्हे-मुन्ने बच्चों को मीनू के अनुसार बुधवार को मध्याह्न भोजन के साथ में दूध वितरण किया जाता है लेकिन वह बच्चों को दिया जाने वाला दूध समस्त टीचर स्टाफ डकार रहे हैं और बच्चे सिर्फ अध्यापकों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं दूसरी तरफ देखा जाए तो सरकार गुणवत्तापूर्ण कॉन्वेंट जैसे विद्यालयों की तर्ज पर शिक्षा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं की सरकार के कुछ वरिष्ठ अध्यापक जो सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर कार्य करते हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आप बाराबंकी जनपद के शिक्षा क्षेत्र त्रिवेदीगंज के प्राथमिक विद्यालय गनाहरी मैं देख सकते हैं जहां के बच्चों की थाली से बुधवार मध्यान भोजन के समय दूध नहीं दिया जाता तो वही विद्यालय परिसर जिनके कंधों पर बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी सौंपी गई और सरकार उन्हें मोटी पगार भी देता है लेकिन वही शिक्षक आज बच्चों के भविष्य को अंधकार में डालने का काम करते हैं जो विद्यालय परिसर से नदारद रहते हैं इंचार्ज प्रधानाध्यापक संदीप वर्मा के लिए खंड शिक्षा अधिकारी का कोई नियम कानून मायने नहीं रखता जो अपने नियम कानून के अनुसार कार्य करते हैं यही नहीं कई ग्रामीणों ने बताया कि अधिकतर मानक विहीन तरीके से विद्यालय में मध्यान भोजन बनाया जाता है जो न्यू न्यू में कुछ और है और वास्तविकता कुछ और है साथ में यह भी देखा गया किश्र इंचार्ज प्रधानाध्यापक होटल पर बैठे बाते कर रहे थे वही होटल पर बैठे एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की बात कहते हुए यह बताया कि मास्टर साहब चुनाव के बारे में बता रहे थे जो चाय पीने आए थे अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि विद्यालय में सब कुछ उपलब्ध है तो क्या मास्टर साहब खुद चाय बनवा कर विद्यालय में नहीं पी सकते आखिर उन्हें किसके द्वारा मना किया गया है और किस आदेश के अनुसार विद्यालय छोड़कर होटल पर मौज मस्ती कर रहे हैं यह तो जांच का विषय है