प्रकृति के कहर से चौपट हुई फसल ! किसानों की आंखों में आंसू
शिवगढ़,रायबरेली। प्रकृति के कहर से अन्नदाता परेशान हैं। बेमौसम बारिश किसानों पर आसमानी आफत बनकर कहर ढा रही है। फिर से बिगड़े मौसम के मिजाज से कृषकों की उम्मीद टूट चुकी है,आंखों में बेबसी के आंसू और सिर पर कर्ज का बोझ है। गौरतलब हो कि पिछले कई दिनों तक हुई तेज बारिश, ओलावृष्टि एवं तेज हवा के झोंकों ने जमकर तबाही मचाई थी। किसानों को उम्मीद थी कि यदि मौसम साफ हो जाएगा तो खेतों में बचा आनाज घर आ जायेगा जिससे कर्ज की अदायगी तो नहीं हो पाएगी कम से कम परिवार की जीविका तो चल जाएगी। किन्तु बृहस्पतिवार को अचानक फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ने से कृषकों की सारी उम्मीदें टूट चुकी है।
आसमानी आफत से आम, गेहूं, सरसों, चना,मटर, मसूर,धनिया,जौ की फसल चौपट हो गई है। गेहूं, सरसों, मटर जहां अंकुरित होने लगा है वहीं धनियां सड़कर लाल और काली पड़़ चुकी है। पूर्व गूढ़ा प्रधान रामहेत रावत, कृषक सुनील कुमार, रामधन, रामहर्ष, पवन शुक्ला, शेषपाल सिंह, भानु प्रकाश पटेल सहित कृषकों का कहना है कि मौसम बेईमान है, किसान परेशान है। अन्नदाता पर आफत है ऐसे में तो किसानों को सरकार पर ही आश है। राजकुमार पासी, विपिन सिंह, हनुमान रावत, उमेश कुमार गौतम सहित कृषकों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।