श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती बाजार स्थित पंचायत भवन प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जन्मोत्सव की झांकी निकलते ही श्रद्धालु जय कन्हैया लाल की मदन गोपाल की के जयकारों के साथ पुष्प वर्षा करने लगे। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर 8 वर्षीय कथावाचक बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा के साथ ही श्रद्धा म्यूजिकल ग्रुप के संगीतकारों द्वारा गाए गए सोहरों और नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयघोष से आसपास का वातावरण गूंजमान हो उठा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का अनुपम दृश्य देखकर सभी श्रोता अपने स्थान पर खड़े होकर झूमने गाने लगे।
कृष्ण मोहन कान्हा ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म,अर्थ, काम एवं मोक्ष की महत्ता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मथुरा में राजा कंश के अत्याचार से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। बाल व्यास ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है।
जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। प्रति दिन कथा श्रवण के लिए काफी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कथा स्थल परिसर में महिलाओं की अपार संख्या रहती है। श्रोताओं की भीड़ से समूचा पंचायत भवन प्रांगण खचाखच भरा रहता है। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य विनय वर्मा, कुम्भी प्रधान अशर्फीलाल यादव, सरस्वती शिशु मंदिर शिवगढ़ के प्रधानाचार्य शिवपाल यादव ,बैंती प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। भागवत कथा के आयोजक सुरेश जायसवाल व रिंकू जायसवाल ने बताया कि 23 तारीख को इस भागवत कथा का समापन होना है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी