श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बना ब्रह्म देव बाबा का पावन स्थान

शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बहुदा कला के समीप स्थित ब्रह्मा देव बाबा के नाम से मशहूर सैकड़ों वर्ष पुराना पीपल का पेड़ श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बना हुआ है। मान्यता है कि ब्रह्म देव बाबा को सच्चे मन से स्मरण करने मात्र से श्रद्धालुओं के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परम्परा के मुताबिक ग्रामीण आज भी ब्रह्म देव बाबा का आशीर्वाद लेकर ही शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं। करीब 150 वर्ष पुराने इस पीपल के पेड़ में उभरी असंख्य देवी देवताओं की आकृतियों को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है।

मान्यता है कि इन आकृतियों में जो श्रद्धालु जिस देवी देवता को स्मरण करता है उसे उस देवी देवता की आकृति महसूस होने लगती हैं। ब्रह्मदेव बाबा के इस पावन स्थान पर हर साल बसन्त पंचमी के दिन बाबा के मेले का भव्य आयोजन किया जाता है जिसमें बहुदाखुर्द ग्राम पंचायत के ग्रामीण ही नहीं दूरदराज के ग्रामीण आकर बड़ी शिद्दत के बाबा के बाबा के चबूतरे पर माथा टेककर सुख समृद्धि की मनोकामनाएं मांगते हैं।

क्या कहते हैं श्रद्धालु

ग्राम प्रधान अनिल वर्मा का कहना है कि ब्रह्मदेव बाबा के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है। बाबा के स्थान पर जो कोई सच्चे मन से दर्शन के लिए आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

बख्तावर नगर गांव के रहने वाले युवा समाजसेवी अजय कुमार का कहना है कि ब्रह्मदेव बाबा को सच्चे मन से स्मरण करने मात्र से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

सरैया गांव के रहने वाले रामप्रकाश का कहना है कि ब्रह्मदेव बाबा की कृपा से श्रद्धालुओं के हर बिगड़े काम बन जाते हैं।

 

पिण्डौली गांव के रहने वाले आलोक वर्मा का कहना है कि ब्रह्मदेव बाबा के पेड़ में उभरी आकृतियों में विभिन्न देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। जिनके दर्शन के लिए दूरदराज से श्रद्धालु आते रहते हैं और मनवांछित फल के लिए मनोकामनाएं मांगते हैं।

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