श्री कृष्ण भगवान की बाल लीलाओं को सुनकर लोग हुए मंत्र मुक्त
Raebareli News: रायबरेली के अटौरा बुजुर्ग में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के पांचवें दिन कथा वाचक स्वात्मानंद जी महराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं व श्री गोवर्धन पूजा व छप्पन भोग का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि मथुरा के राजा कंस की ओर से अनेक राक्षसों को बाल कृष्ण को मारने के लिए गोकुल भेजा, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन सभी का वध करके मोक्ष प्रदान किया। श्री कृष्ण ने पूतना वध, शंकरासुरवध, त्रणावृत वध, बकासुर व अधासुर सहित अनेक राक्षसों का वध किया। स्वामी स्वात्मानंद जी महाराज ने कहा कि यमुना नदी में कालिया नाग का निवास हो गया, जिससे यमुना का जल विषैला हो गया।
भगवान कृष्ण ने कालिया मर्दन कर यमुना जल को पुन: स्वच्छ किया। महान योगी संत गर्गाचार्य ने दोनों बालकों का नामकरण किया। रोहिणी पुत्र का नाम बलराम व जसोदा नंदन का कृष्ण रखा। भगवान शंकर की ओर से गोकुल में कृष्ण दर्शन के लिए आने वाली लीला पर गाए श्लोक ऊं नम: शिवाय हरि ऊं नम: शिवाय का गायन कर पंडाल को भक्तिमय कर दिया। उन्होंने कहा कि पांच ज्ञानेद्रियां, पांच कर्मेंद्रिया व मन बुद्धिचित व अहंकार सभी भगवान के सामने आ जाए तो उनका नाश हो जाता है।
स्वामी श्री स्वात्मानंद जी महाराज ने गोवर्धन लीला का वर्णन कर गिरीराजजी के दर्शन करवाए। उन्होंने कहा कि वृंदावनवासी बारिश के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते थे। बाल कृष्ण ने उसका विरोध कर गिरीराज महाराज की पूजा करने के लिए विवश किया। इंद्र ने कुपित होकर जबरदस्त बारिश की तो 7 दिन तक बाल कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गिरीराज को उठा कर रक्षा की और इंद्र के अभिमान का नाश किया।
कथा के दौरान करन लागे मोहन मैय्या मैय्या, चलोमन वृंदावन की ओर जहां विराजते हैं राधारानी, गिरिराज धरण हम तुम्हारी शरण आदि भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को नृत्य करने पर विवश कर दिया। भजनों के दौरान पांडाल वातावरण भक्तिमय हो गया।
कथा के अंत में मुख्य यजमान श्री फाउंडेशन के चेयरमैन मनोज और उनकी पत्नी सुधा द्विवेदी समाजसेविका ने सभी भक्तों को अपने हाथों से प्रसाद वितरण किया और साथ में यह भी कहा कि भगवान की भक्ति में थोड़ा समय बिताने से बड़ी शांति मिलती है और जीवन की सही दिशा प्राप्त होती सामान्य जीवन में सभी को थोड़ा समय भगवान के लिए जरूर निकलना चाहिए।