धूमधाम से मनाया गया विद्यापीठ के संस्थापक का 127 वां जन्मदिवस
- राजा राकेश प्रताप सिंह ने मेधावी एवं निर्धन छात्र छात्राओं को किया स्वेटर वितरण
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के श्री बरखण्डी विद्यापीठ इण्टर कालेज शिवगढ़ के संस्थापक स्वर्गीय राजा श्री बरखण्डी महेश प्रताप सिंह नारायण जूदेव का विद्यालय में 127 वां जन्म दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित विद्यालय के संरक्षक राजा राकेश प्रताप सिंह व विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार गुप्ता ने विद्यालय प्रांगण में स्थित संस्थापक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूरी शिद्दत के साथ उनके विचारों, सिद्धांतों एवं आदर्शों को याद किया।
इस अवसर पर विद्यालय के संरक्षक द्वारा हर साल की तरह सभी कक्षाओं के निर्धन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वेटर वितरण किया गया। इसके साथ की बीते दिनों सितम्बर मास में विद्यालय में आयोजित दस दिवसीय कराटे कैंप में प्रतिभाग करने वाले 35 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं एनसीसी के 2 वर्ष पूरा करने वाले एनसीसी कैडेटों को प्रमाण पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक शैलेंद्र सिंह द्वारा किया गया।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए विद्यालय के संरक्षक राजा राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि उनके पूर्वज पूज्यनीय श्री नारायण जूदेव ने ऐसे समय में क्षेत्र में विद्यापीठ रुपी शिक्षा की ज्योति जलाई थी, जिस समय दूर-दूर तक शिक्षण संस्थान नहीं थे। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ निरन्तर ऊंचाइयों की ओर आगे बढ़ रहा है जिसका श्रेय उनके परिवार के साथ ही शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को जाता है। विद्यापीठ के प्रधानाचार्य राजकुमार गुप्ता ने कहा कि विद्यालय के संस्थापक श्री राजा बरखण्डी महेश प्रताप सिंह नारायण जूदेव ने 16 जुलाई सन 1945 को जिस शिक्षा रूपी पौधे को रोपा था आज वह एक विशाल बट वृक्ष बन चुका है जिसकी छांव में पढ़कर छात्र-छात्राएं अपना भविष्य संवार रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थापक के पद चिन्हों पर चलकर विद्यालय के संरक्षक राजा साहब और प्रबंधक कुंवर साहब ने श्री बरखण्डी बालिका इण्टर कॉलेज, श्री बरखण्डी महाविद्यालय की स्थापना की।
इस मौके पर शिक्षक लक्ष्मी नारायण, सुशील कुमार शुक्ला, डॉ.बृजेश सिंह, प्रमोद सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अभयराज सरोज, ओमप्रकाश सिंह, जगत बहादुर सिंह, राज बहादुर सिंह, अरुण कुमार त्रिवेदी, धर्मेंद्र कुमार, अरविंद कुमार शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी