शिवगढ़ की बेटी ने अपनी टीम के साथ गोल्ड मेडल अर्जित कर देश में लहराया यूपी का परचम

रायबरेली। जिले के शिवगढ़ कस्बे की बेटी ने अपनी टीम के साथ जूनियर नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप 2022 में चिल्ड्रेन वन ड्रेसाज में टीम गोल्ड मेडल अर्जितकर रायबरेली जनपद ही नही समूचे उत्तर प्रदेश का देश में नाम रोशन कर दिया है। विदित हो कि पिछले 20 वर्षों से नवजात शिशुओं एवं केएमसी माताओं की सम्मानजनक देखभाल करके उन्हें नया जीवन देती चली आ रही कम्युनिटी एपावररमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के संस्थापाक डॉ.विश्वजीत कुमार व सीईएल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरती कुमार की बेटी शाम्भवी भारद्वाज ने भोपाल में आयोजित जूनियर नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप 2022 में चिल्ड्रेन वन ड्रेसाज में जैकडेनियल्स नामक घोड़े पर घुड़सवारी करके अपनी टीम के साथ टीम गोल्ड मेडल अर्जित किया है।

गोल्ड मेडल अर्जित करने के बाद अपनी टीम के साथ शांभवी भारद्वाज

शाम्भवी भारद्वाज ने अपनी टीम में तमिलनाडु की रहने वाली तासा मिथिराजन,मिराया दादा भोय, अगस्त अग्रवाल के साथ चिल्ड्रन वन ड्रेसाज प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था। इस नेशनल प्रतियोगिता में शाम्भवी भारद्वाज की टीम ने गोल्ड मेडल अर्जित कर देश में पहला स्थान अर्जित किया है। 13 वर्षीय कक्षा आठ की छात्रा शाम्भवी ने बताया कि बचपन में उन्हें घोड़ों के सपने आते थे, जिसके बारे में हमेशा सोचती रहती थी। उन्होंने बताया कि उनके दादा एक अच्छे घुडसवार थे।

टीम गोल्ड मेडल अर्जित करने के बाद अपनी मां आरती कुमार, पिता डॉ विश्वजीत कुमार के साथ शांभवी भारद्वाज

जिनकी सफलता की कहानी उनके पिता जी और चाचा जी उन्हें बताया करते थे,जिससे उनके मन में एक घुडसवार बनने की इच्छा जागृत हुई। अपने दादा, माता-पिता और चाचा से प्रेरणा लेकर उन्होंने घुड़सवारी का मन बनाया था। लॉकडाउन के दौरान भारत के सबसे अच्छे घुड़सवार सज्जन कुमार ने उनके लिए कन्हैया नामक घोड़ा और छोटी बहन के लिए एक छोटा घोड़ा भेजा था। जिसके बाद उन्होंने लॉकडाउन को अवसर मानकर शिवगढ़ में जैसलमेर के रहने वाले कुम्भ से और मोबाइल में मोटिवेशनल वीडियो देखकर घोड़े पर बैठना सीखा, इस प्रकार से दिसम्बर 2020 से अक्टूबर 2021 तक शिवगढ़ में ही रहकर घुड़सवारी सीखी।

जिसके बाद पढ़ाई के लिए गुडगांव में शिफ्ट हो गई जिससे मई 2022 तक घुड़सवारी का मौका नहीं मिल सका। जिसके बाद जून 2022 में दुनिया के एक अच्छे घुड़सवार से घुड़सवारी सीखने के लिए नीदरलैंड गई जहां से वापस लौटने के बाद दिल्ली में विवेक जोशी से घुड़सवारी सीखते हुए प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने की शुरुआत की। अच्छा प्रदर्शन देखते हुए उनका चयन नेशनल प्रतियोगिता के लिए हो गया। उन्होंने कहाकि उनके मन में एक साफ लक्ष्य है कि पढ़ाई में बहुत कुछ करना है इसके साथ ही दुनिया की सबसे अच्छी घुड़सवार बनकर समूचे विश्व में देश का नाम रोशन करके लोगों को घुड़सवारी के लिए प्रेरित करना है।

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