नाले की सफाई न होने से हजारों हेक्टेयर धान की फसल अछई की हेकरी झील में हुई जलमग्न

● आक्रोशित किसानों ने जलमग्न धान की फसल के बीच खड़े होकर किया सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन

रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र अन्तर्गत अछई ग्राम पंचायत के हेकरी झील से गुजरे नाले की पिछले कई वर्षों से सफाई न होने से हजारों एकड़ धान की फसल बारिस के पानी में जलमग्न हो गई है। पीड़ित किसानों ने पानी में डूबी फसल के बीच में खड़े होकर सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। क्षेत्र की ड्रेनों और नालों की सफाई जमीनी स्तर पर न होने से हल्की बरसात में ही धान की फसल डूबने लगी है। किसानों की माने तो ग्राम पंचायत अछई के पास स्थित हेकरी झील से गुजरे नाले की पिछले कई वर्षों से सफाई नहीं हुई है। इस नाले की सफाई न होने से हजारों एकड़ धान की फसल की फसल बरसात के पानी में डूब गई है। जिसमें ग्राम पंचायत अछई, मानपुर, काकरिया, दुल्लापुर, शाहपुर ,कोनी ,बरगदहा, खदरा ,राजा का पुरवा, कतकौली, आधार खेड़ा, हीरा का मठ सहित दर्जनों गांव शामिल हैं। इस झील में अछई के कृषक समर बहादुर की 2 बीघा, लाल दीक्षित की डेढ़ बीघा , कल्लू दीक्षित की 10 विसुवा, मंशा राम का डेढ़ बीघा, अनुज कुमार का 3 बीघा,  घनश्याम का डेढ़ बीघा, गुरु सहाय की 10 बिसुवा, केसरी प्रताप सिंह की 5 बीघे सहित सैकड़ोंं किसानों की हजारों बीघे धान की फसल डूब गई है। किसानो ने बताया कि 8 साल पहले हेकरी झील से गुजरे नाले की सफाई हुई थी जिससे दो-तीन साल तक धान की अच्छी पैदावार हुई थी। लेकिन विगत 5 वर्षों से हल्की बरसात में झील के उफलाने से हजारों एकड़ धान की फसल डूब जाती हैं। किसानों ने बताया कि इस झील में कई ग्राम पंचायतोंं का बरसात का व नहर का पानी आता है। जिसके कारण हल्की बरसात में ही झील उफलाने लगती है। किसानों ने कई बार इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को शिकायती पत्र भी भेजा लेकिन भी अधिकारी ने झील से गुजरे नाले की सफाई कराना मुनासिब नहींं समझा। जिसको लेकर किसानों ने डूबी धान की फसल के बीच में खड़े होकर सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि इंजन के पानी से धान की रोपाई की थी जो झील के उफनाने से जलमग्न होकर चौपट हो गई है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही इस नाले की सफाई नहीं हुई तो झील का पानी विकराल रूप धारण करके गांव तक घुस जाएगा ऐसी स्थिति में सैकड़ों परिवारों को पलायन करना पड़ सकता है। इस बारे में सिंचाई विभाग हैदरगढ़ खण्ड 28 के अधिशासी अभियंता नवनीत कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की झील व नाला हमारे यहां लिखा पढ़ी में नहीं है लेकिन इसकी जांच कराई जाएगी।

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