क्या ऐसा होता है समाधान दिवस में

कर्नलगंज : जी हां हम बात कर रहे हैं हर जिले में लगने वाले समाधान दिवस की जहां पर जिम्मेदार अधिकारी बैठकर शिकायतों का निस्तारण करते हैं लेकिन गैर जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से कभी-कभी शासन प्रशासन को हंसी का पात्र भी बनना पड़ता है. क्योंकि यह गैर जिम्मेदारी समाज के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती है।

ताजा मामला कर्नलगंज का है जहां पर एक शिकायतकर्ता ने समाधान दिवस में इंद्र देवता को ही दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ जांच कर कार्यवाही की मांग की हद तो तब हो गई जब समाधान दिवस में बैठे तहसीलदार ने शिकायत पत्र को ना देखते हुए लेखपाल को कार्यवाही के लिए आगे बढ़ा दिया यहां पर बात यह नहीं है कि भगवान के ऊपर ही शिकायत की गई है बात तो अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना रवैया की है. कि अगर कोई पीड़ित व्यक्ति आस लेकर समाधान दिवस में पहुंचता है तो उसके शिकायती पत्र को गंभीरता से नहीं देखा जाता है कुछ अधिकारियों की वजह से पूरे तंत्र को बदनामी का दाग लगता है यह खबर सोशल मीडिया पर आजकल बहुत जोरों से वायरल हो रही है।

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जिसमें शिकायतकर्ता ने भगवान इंद्र पर दोषारोपण करते हुए कहा है की बारिश ना होने के कारण खेती पूरी तरीके से चौपट हो गई है तो इसका दोष इंद्र देवता का है कृपया जांच कर कार्यवाही की जाए और दोषी पाए जाने पर मुकदमा भी पंजीकृत किया जाए यह तो शिकायतकर्ता की बात हुई लेकिन हंसी के पात्र तो तहसीलदार हैं जिन्होंने शिकायत को पढ़ा ही नहीं और लेखपाल से कार्यवाही करने की बात कह दी।

ऐसे अधिकारियों को समाधान दिवस से दूर रखें तो बेहतर

बात इसकी नहीं है की भगवान के ऊपर आरोप लग गया बात तो गैर जिम्मेदाराना रवैया की है अगर अधिकारियों के द्वारा पीड़ित कमजोर लोगों की शिकायतों पर गंभीरता से विचार ही न किया जाए तो सुबह के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा उत्तम प्रदेश बनाने का सपना कैसे पूरा होगा सिस्टम में बैठे अधिकारी जब इतने लापरवाह हो जाएंगे तो जनता भगवान भरोसे ही रहेगी।

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