राहुल गांधी ने पीएम पर कुछ यूं कसा तंज, बोले-‘कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ’

जरूरी खाद्य वस्तुओं पर GST में की गई बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है। इस मुद्दे को लेकर संसद से सड़क तक विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। इस मुद्दे पर हो रहे हंगामे की वजह से 3 दिनों से संसद ठीक से नहीं चल पा रहा। इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कह दिया है कि प्रधानमंत्री को अब जनता की बात सुननी होगी और यह जीएसटी वापस लेना ही होगा। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा कि महंगाई से जूझती जनता के लिए गब्बर की रेसिपी: कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ। मित्रों की अनकही बातें तक सुनने वाले प्रधानमंत्री को अब जनता की बात सुननी भी होगी और ये जीएसटी वापस लेना भी होगा।

 

आपको बता दें कि GST परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं। जिनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि संसद में चर्चा और सवालों से भागना सबसे असंसदीय है। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा कि रुपया पहुंचा 80 पार, गैस वाला मांगे ₹ हज़ार, जून में 1.3 करोड़ बेरोज़गार, अनाज पर भी GST का भार। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दे उठाने से हमें कोई रोक नहीं सकता, सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। कांग्रेस लगातार महंगाई के खिलाफ सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस की ओर से हाल में ही जरूरी खाद्य वस्तुओं पर लगाए गए जीएसटी के विरोध में आज प्रदर्शन भी किया गया।

 

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां है वो लड़ रही है और हम लड़ेंगे। जो रोज़मर्रा की चीज़ों पर लगाए जाने वाले टैक्स के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं पर जो GST बढ़ाया गया है उससे देश के गरीबों पर, मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों पर बहुत बड़ी मार पड़ी है। देश के लिए यह बहुत बड़ा मुद्दा है इसलिए हम सदन में इस विषय पर नियम 67 के तहत चर्चा करना चाहते हैं।

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