महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच संजय राउत को ईडी का समन, कल पूछताछ के लिए बुलाया

इन दिनों महाराष्ट्र में चल रहे घमासान से हम सभी लोग वाकिफ है। इसी बीच शिवसेना के सीनियर लीडर संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने समन भेजा है। उन्हें पूछताछ के लिए कल बुलाया गया है। बताया जाता है कि उन्हें प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाले के मामले में उन्हें तलब किया गया है। हालांकि इस मामले में पहले भी ईडी अस्थाई तौर पर संपत्ति कुर्क कर चुकी है।

आपको बता दें कि, संजय राउत को ईडी के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ईडी बीजेपी के परम भक्ति का उदाहरण पेश कर रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा से परम भक्ति का सबसे बड़ा उधारण पेश करती हुई ईडी डिपार्टमेंट। वहीं टीएमसी की तरफ से कहा गया कि विपक्ष को ईडी निशाना बना रही है।

क्या है यह घोटाला?

दरअसल, साल 2017 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने तय किया था कि पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे।

तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी। सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी। इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है।

कंपनी के डायरेक्ट र ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपये का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।

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