टी.पी. यादव
महराजगंज,रायबरेली।सात दिनो में भुगतान की नियमावली होने के बावजूद मनरेंगा श्रमिको की मजदूरी पिछले दो महीने से नही हो सकी, जिससें गांवों में श्रमिकों का मनरेगा से मोह भंग हो रहा। वही मनरेगा से मजदूरी ना आने क़े बावजूद जैसे तैसे श्रमिकों से गांव क़े विकास की गाड़ी खींचने वाले रोजगार सेवकों को मनरेगा उपायुक्त द्वारा धमकी मिलने की चर्चा जोरो पर है। बताते चले कि मामला मंगलवार की सुबह का है। विकास खण्ड में रोजगार सेवकों क़े मनरेगा संबन्धी कार्यो की जानकारी लेने को मनरेगा रायबरेली नाम से बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में रोजगार सेवक व डीसी मनरेगा द्वारा कही गयी बातों की चर्चा विकास खण्ड में जोरों पर है। ग्रुप में शामिल कुसुढी सागरपुर गांव में तैनात रोजगार सेवक सुरेश कुमार द्वारा मनरेगा उपायुक्त पवन कुमार सिंह से आश्वासन क़े बावजूद मनरेगा मजदूरी ना आने की बाबत पूछना लेने क़े देने जैसा साबित हुआ। जवाब में झन्नाए डीसी मनरेगा द्वारा आश्वासन देने क़े बजाए शनिवार को विकास खण्ड आकर गांव की मनरेगा प्रगति रिपोर्ट एवं अवशेष मनरेगा मजदूरी देख लेने की घुड़की दी गयी। जिस पर समय से मजदूरी ना मिलने एवं आवाज उठाने पर अधिकारी द्वारा पद का दुरुपयोग कर जांच की धमकी देने से आहत रोजगार सेवक ने ग्रुप छोड़ दिया गया। जिसको लेकर रोजगार सेवकों में काफी रोष देखा जा रहा है। जानकारी हो की विकास खण्ड में मनरेगा में 34 हजार 6 सौ 15 मानव दिवस का करीब 63 लाख 80 हजार रुपए पिछले दो महीने से नही आयी। मजदूरी ना मिलने से बेहाल श्रमिको का गांव की मनरेगा से पूरी तरह मोहभंग हो गया। वही मनरेगा का कार्य देखने वाले रोजगार सेवकों पर श्रमिकों से कार्य कराने को लेकर अधिकारियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा। अब एक तो पैसा ना मिलने से श्रमिको का गांव में मिलना मुश्किल ऊपर से साहब की हनक जिसे देख मनरेगा की लगाम थामें रोजगार सेवकों की बेबसी सिसकियों में तब्दील होती देखी जा रही।