रायबरेली : किसान का बेटा बना असिस्टेंट प्रोफेसर

रायबरेली। मन में कुछ कर गुजरने की ललक हो, तो कोई भी बाधा अड़चन नहीं बन सकती। इसे साबित किया है ग्राम सरेनी निवासी  गोपी चन्द्रा (मजदूर किसान) के पुत्र डॉ श्याम बाबू ने। दलित समाज में जन्में डॉ० श्याम बाबू का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा जारी रिजल्ट में 10 वीं रैंक पर डॉ श्याम बाबू का चयन व्याख्याता भौतिकी पद तथा उच्चतर शिक्षा चयन आयोग, प्रयागराज की ओर से घोषित रिजल्ट में 45 वीं रैंक पर भौतिक विज्ञान विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयन हुआ है।

गौरतलब  है कि दोनो सेर्विेसेज समान ग्रेड पे पर हैं, जिसमें से किसी एक नौकरी का चयन डॉ श्याम बाबू रिसर्च को ध्यान में रखते हुए करेंगे।श्याम बाबू की बुनियादी शिक्षा सरेनी गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से तथा हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट तक पढ़ाई जनता विद्यालय इण्टर कालेज, पूरेपाण्डेय से हुई है। स्नातक और परास्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से उत्तीर्ण किया। वहीं डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Ph.D.) की उपाधि आईआईटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से 10 अप्रैल 2022 को दशम दीक्षांत समारोह में प्राप्त किया।

 इस प्रतिभावान छात्र ने पढ़ाई करते समय ही राष्ट्रीय स्तर की परीक्षायें सीएसआईआर नेट/जेआरएफ, गेट, जेस्ट, सीएसआईआर एसआरएफ पास कर लिया था। श्यामबाबू ने क्षेत्रीय युवाओं से अपील करते हुए कहा कि शैक्षणिक काल में ही लक्ष्य निर्धारित कीजिए। सफलता आपके कदम चूमेगी। बातचीत करते हुए डॉ श्याम बाबू ने बताया कि यह उनका आखिरी मुकाम नहीं है। हमारा लक्ष्य सिविल सर्विसेज के माध्यम से विज्ञान के क्षेत्र में देश की सेवा करना है।

डॉ श्याम बाबू ने यह भी कहा कि यहां तक पहुंचने में मैंने जो सफलता हासिल किया, उसका पूरा श्रेय हमारे माता-पिता व पुरे परिवार के साथ हमारे शोध निर्देशक डॉ० श्रवण कुमार मिश्र BHU और अन्य गुरुजनों का है। इस अवसर पर रामनरेश, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संकठू कुरील, असिस्टेंट प्रोफेसर अशोक कुमार गौतम, उमाकांत वायुसेना, राजीव कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर, रामबाबू, सर्वेश कुरील आदि ने हार्दिक बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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