अग्निपथ स्कीम पर मचे बवाल के बाद अमित शाह ने अग्निवीरों के लिए किया बड़ा ऐलान

मुंगेर में कई युवाओं ने सशस्त्र बलों के लिए हाल ही में घोषित हुए ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं जहानाबाद में भी कई युवाओं ने सशस्त्र बलों के लिए हाल ही में घोषित हुए अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जहानाबाद के एक प्रदर्शनकारी कहना है कि हम कड़ी मेहनत करने के बाद सेना में भर्ती होते हैं। प्रधानमंत्री निर्णय ले रहे हैं कि 4 साल की नौकरी होगी। किस हिसाब से चार साल की नौकरी होगी क्योंकि 8 महीने की ट्रेनिंग और 6 महीने की छुट्टी होगी तो लगभग तीन साल में हम देश की क्या रक्षा करेंगे। यह निर्णय वापस लेना होगा।

अग्निपथ स्कीम को लेकर लगातार बवाल

वहीं विशाखापत्तनम के पूर्वी नौसेना कमान प्रमुख वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता ने बताया कि अग्निवीर प्रशिक्षण (Agnipath Scheme) के लिए 16 सप्ताह का बुनियादी प्रशिक्षण होगा, उसके बाद 2 सप्ताह का समुद्री प्रशिक्षण होगा और फिर 16 सप्ताह का पेशेवर प्रशिक्षण होगा। कुल 34 सप्ताह का प्रशिक्षण होगा। इसके बाद 4 साल की शेष अवधि के बाद हम उन्हें उनके कर्तव्यों के लिए नियोजित कर सकेंगे।

उन्होनें कहा कि हम इसके तहत युवाओं को भारतीय नौसेना (Agnipath Scheme) में बेसिक ट्रेनिंग देंगे। अग्नीपथ योजना के तहत हम महिलाओं को भी लेंगे। अग्निपथ पूरा होने के बाद 25% उम्मीदवार जो सशस्त्र बल में शामिल होंगे उनको नए सिरे से आवेदन करना होगा।

साथ ही विरोध प्रदर्शन के बीच ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने अग्निवीरों के लिए बड़ा एलान किया। कहा कि सेना में चार साल सेवा करने के बाद अग्निवीरों को सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स की भर्ती में वरीयता दी जाएगी। इनमें बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पैरामिलिट्री फोर्स को भी फायदा मिलेगा और सेना से सेवा समय समाप्त होने के बाद अग्निवीर भी बिना रोजगार नहीं घूमेंगे।

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