देश की सबसे पुरानी पार्टी का बुरा दौर, कांग्रेस के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा

भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब धीरे-धीरे सिमट रही है। कांग्रेस पार्टी विधान परिषद में भी शून्य हो गई, वर्ष 1935 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब कांग्रेस पार्टी का यूपी विधान परिषद में एक भी सदस्य नहीं होगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र 2 सीटें ही जीत पाई थी | जिसके चलते विधान परिषद में कांग्रेस का एक भी सदस्य विधान परिषद नहीं पहुंच सकता है। वहीं कांग्रेस की तरफ से विधान परिषद में इकलौते एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल 6 जुलाई को समाप्त हो रहा है। एमएलसी दीपक सिंह के कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद कांग्रेस मुक्त हो जाएगा।

आपको बता दें कि विधान परिषद का गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के तहत 1935 में गठन हुआ था तब से लेकर आज तक विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य मौजूद रहे हैं लेकिन अब कांग्रेस का इससे बुरा दौर क्या होगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी का यूपी विधान परिषद में एक भी सदस्य नहीं होगा।

 

बता दें कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और कैंडल वोट बैंक तक तैयार नहीं कर पा रही जिसके चलते उसको अपना नुकसान झेलना पड़ रहा है। कांग्रेस का संगठन पूरे प्रदेश में तो पहले ही खत्म हो चुका है, अब कांग्रेस को एक राजनितिक संगठन के लिहाज से कई बड़े नीतिगत निर्णय लेने होंगें। वहीं कांग्रेस को कोई अपनी जमीन पानी के लिए जो मेहनत करनी पड़ेगी वह राह आसान नहीं है।

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