बीजेपी ने उठाया बड़ा सवाल, घुसपैठिए और रोहिंग्‍या राष्‍ट्र और राज्‍य के लिए खतरा

बिहार में सर्वदलीय बैठक के बाद ये बात साफ हो गई है कि राज्‍य के खर्च पर जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। इसके बाद बीजेपी की ओर बड़े और गंभीर सवाल उठाए गए हैं। ये सवाल हैं रोहिंंग्‍या और बांग्‍लादेशी घुसपैठियों के भारत के नागरिक साबित हो जाने को लेकर है। बीजेपी का कहना है कि उन्‍हें जाति आधारित जनगणना से कोई इन्‍कार नहीं है। वह राज्‍य में जाति आधारित जनगणना के समर्थन में है। मगर इस जाति आधारित जनगणना का लाभ लेकर चोर रास्‍ते से बांग्‍लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्‍या मुसलमान भी भारत के नागरिक बन जाएंगे। जिसपर विचार किया जाना चाहिए। ये आशंका इसलिए है क्‍योंकि बिहार नेपाल और बंग्‍लादेश का सीमावर्ती राज्‍य है।

 

मतदाता सूची से काटे गए नामों की गिनती पर लगे रोक

कटिहार में गिरिराज सिंह ने भी यह सवाल उठाते हुए कहा कि जाति आधारित जनगणना के दौरान मुसलमानों की भी जाति के रूप में जनगणना की जानी चाहिए। साथ ही उन मुसलमानों और घुसपैठियों को जनगणना से अलग किया जाना चाहिए जो भारत में अवैध रूप से शरण लिए हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि 11 जिले के लगभग 4 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं। गिरिराज सिंह ने कहा 1991 में इनके नाम बाहर किए गए थे। उन्‍होंने कहा कि इन लोगों और इनके परिवारों को जातीय जनगणना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

 

घुसपैठिए और रोहिंग्‍या राष्‍ट्र और राज्‍य के लिए खतरा

इधर, आईटी और ले‍बर मिनिस्‍ट बिहार, जीबेश मिश्र ने भी यही सवाल उठाया है। उन्‍होंने कहा कि हमारी आशंका यही है जो देश के हित के लिए महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि देश ह‍ित की बात को ध्‍यान में रखते हुए बीजेपी ने यह सवाल उठाया है। बीजेपी के मंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना में शामिल हो कर वो खुद को भारत का नागरिक साबित कर सकते हैं। जो देश के लिए खतरना साबित हो सकता है। मंत्री ने कहा कि इसकी चिंता राज्‍य और राष्‍ट्र सभी के हित में की जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि जातिगत जनगणना के दौरान इस बात पर विचार किया जाना चाहिए।

 

 

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