छह माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान जागरूकता के लिए चलेगा ‘पानी नहीं केवल स्तनपान’ अभियान

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

  • जनपद में 30 जून तक चलेगा अभियान।

नोएडा, 13 मई 2022। छह माह तक की उम्र के बच्चों के लिए केवल मां का दूध, इसके अलावा कुछ भी नहीं। यहां तक कि पानी भी नहीं। इस उम्र के बच्चों के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है। इसकी जानकारी सभी गर्भवती और धात्री माताओं तक पहुंचे और जागरूकता बढ़े, इसके लिए नो वॉटर ओनली ब्रेस्टफीडिंग (“पानी नहीं केवल स्तनपान”) अभियान चलाया जा रहा है। 10 मई से शुरू हुआ अभियान 30 जून तक चलेगा। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने शुक्रवार को दी।

उन्होंने बताया शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए शिशु की उम्र छह माह पूरी होने तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिये। इसी उद्देश्य के चलते अभियान के अंतर्गत सभी कन्वर्जेंस विभागों द्वारा यह प्रचार प्रसार किया जाएगा कि शिशु के जन्म के पश्चात छह माह की आयु पूर्ण करने तक उसे पानी घुट्टी या शहद आदि न पिलाया जाए अपितु सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराया जाए।

पूनम तिवारी ने कहा मां का दूध शिशु के लिए अमृत समान होता है तथा शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवश्यक है कि जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान प्रारम्भ करा दिया जाए। मां का पहला गाढ़ा और पीला दूध कुदरती टीके का काम करते हुए तमाम बीमारियों से शिशु की रक्षा करता है। छह माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराना ही पर्याप्त होता, अलग से पानी देने की जरूरत नहीं होती। मां के दूध से ही शिशु अपने लिए पर्याप्त पानी भी ग्रहण कर लेता है। इसके साथ ही उसका पोषण भी पूरा हो जाता है।

उन्होंने बताया अभियान को सफल बनाने के लिए जिला पोषण समिति की बैठक जिला अधिकारी की अध्यक्षता में जूम एप के माध्यम से संपन्न हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य कन्वर्जेंस विभागों – स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग के मध्य समन्वय सुनिश्चित कर जनपद में बाल विकास की दिशा में सकारात्मक सुधार लाना है।

बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समिति के सदस्यों को जनपद में पांच साल तक के बच्चों में कुपोषण की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया वर्तमान में अल्प वजन के 5131 तथा गंभीर कम वजन के 1468 बच्चे हैं। इन बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण कर इनको सामान्य श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है। समिति को यह भी अवगत कराया गया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में अप्रैल में 14 बच्चों को भर्ती कराया गया है।

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