एकल विद्यालय शिवली में हर्षोल्लास से मनाई गई स्वामी विवेकानंद जयंती

रायबरेली शिवगढ़ क्षेत्र के एकल विद्यालय शिवली में हर्षोल्लास पूर्वक स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती राष्ट्रीय युवा दिवस के मनाई गई। स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती पर एकल विद्यालय के बच्चों ने आचार्या बहन अनीता कनौजिया की अगुवाई में गांव में प्रभात फेरी निकालकर स्वामी विवेकानन्द जी के बताए गए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित आचार्य भद्रपाल सिंह, विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित युवा समाजसेवी उमेश कुमार गौतम द्वारा स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण से किया गया। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित युवा समाजसेवी उमेश कुमार गौतम ने एकल विद्यालय के बच्चों को कॉपी, पेंसिल, कलम देकर उनका पढ़ाई के प्रति उत्साह वर्धन किया। इस मौके पर उमेश कुमार ने एकल विद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि एकल विद्यालय में छात्र छात्राओं को नि:शुल्क संस्कार युक्त शिक्षा मिल रही है। आचार्य बहन द्वारा बच्चों में संस्कार युक्त गुणों का सृजन किया जा रहा है। एकल विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की जितनी सराहना की जाए कम है। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आचार्य भद्रपाल सिंह ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। अत्यंत गरीबी में भी वे बड़े अतिथि-सेवी थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रातभर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते थे और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते थे। रामकृष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनकर नरेंद्र उनके पास पहले तो तर्क करने के विचार से ही गए थे किंतु परमहंस जी ने देखते ही पहचान लिया कि ये तो वही शिष्य है जिसका उन्हें कई दिनों से इंतजार है। परमहंस जी की कृपा से इनको आत्म-साक्षात्कार हुआ फलस्वरूप नरेंद्र परमहंस जी के शिष्यों में प्रमुख हो गए। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ। इस मौके पर निवर्तमान प्रधान संतोष कुमार रावत, एडवोकेट विजय कनौजिया, पिंटू सिंह, वीरेंद्र सिंह, हर्षित सिंह, अभिषेक कनौजिया आदि लोग मौजूद रहे।