प्रमोद राही
लखनऊ।ग्राम प्रधानों के के खातो पर 25 दिसंबर को रोक लग गई खातों के प्रति बंधन का आदेश आते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और आदेश जारी किया है उस आदेश के तहत ग्राम प्रधानों के प्रारंभिक कार्यकाल से लेकर 25 दिसंबर तक निकाले गए धनराशि का भौतिक सत्यापन होगा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पूर्व उत्तर प्रदेश के हर जिले की ग्राम पंचायतों की कमान अब विकास खंडों के एडीओ पंचायतों को सौंपी गई है। साथ ही अब तक के कार्यकाल में ग्राम प्रधानों को आवंटित और और 25 दिसंबर तक निकाली गई धनराशि से कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्देशित किया गया है कि वे टीम बनाकर ग्राम प्रधानों के कार्यकाल के दौरान कितनी धनराशि आवंटित की गई है और कितनी धनराशि निकालकर उससे विकास कार्य कराए गए हैं।भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित तत्कालीन ग्राम प्रधान के खिलाफ सुसंगत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। संभव है कि संबंधित को ग्राम प्रधान को चुनाव लडऩे से वंचित भी किया जा सकता है। यूपी के आजमगढ़ जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने निर्देशित किया है कि अब प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। उनके डोंगल डी-एक्टिवेट कर दिए गए हैं। इसलिए 25 दिसंबर तक संबंधित ग्राम प्रधान को आवंटित धनराशि और आहरित धनराशि से कराए गए कार्यों को भौतिक सत्यापन कराया जाना है।इस कार्य में जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर ब्लॉकवार आहरित धनराशि की जांच की जाएगी।

साथ ही धनराशि से कराए जा रहे कार्याें का भी भौतिक सत्यापन किया जाएगा। डीपीआरओ कार्यालय में भी किन-किन ग्राम प्रधानों को किस-किस मद में धनराशि भेजी गई है, उसके मिलान का कार्य किया जा रहा है। जिससे जिला स्तरीय टीम को भौतिक सत्यापन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। यह कार्य पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले पूर्ण किया जाना है। यदि 25 दिसंबर तक प्रधानों के खाते से निकाले गए धनराशि में खामियां पाई गई तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी गौरतलब है कि कई ग्राम प्रधानों के खाते में अभी धनराशि बची हुई है उस धनराशि का दुरुपयोग ना हो जाए इसके लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।