बौद्ध उपासक महासभा द्वारा मनाया गया बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस

  • विचारों,सिद्धांतों एवं आदर्शों को आत्मसात करने का लिया संकल्प
  • अर्थशास्त्री,न्यायविद, राजनीतिज्ञ,समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे बाबा साहब

शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के शिवगढ़ नगर पंचायत अन्तर्गत दामोदर खेड़ा स्थित बौद्ध उपासक महासभा कार्यालय में युवा समाजसेवी आलोक कुमार बौद्ध व मवइया गांव के रहने वाले एडवोकेट दीपक कुमार के नेतृत्व में भारतरत्न बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने बाबा साहब की प्रतिमा के सम्मुख कैंडल जलाकर एवं प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आदर्शों, विचारों एवं सिद्धांतों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। आलोक कुमार बौद्ध ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे। जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

वहीं एडवोकेट दीपक कुमार ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे जिन्होंने दलित के लिए काफी संघर्ष किया। वे भेदभाव को खत्म करना चाहते थे, उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित किया और समाज में पिछड़ों,अछूतों को लेकर हो रहे भेदभाव के विरुद्ध निडरता पूर्वक अभियान चलाया था। उन्होंने हमेशा श्रमिकों, किसानो और महिलाओं के अधिकार की बात की। जिनकी सोंच थी की जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए, धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता,समानता और भाईचारा सिखाता है। यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए। इस मौके पर बसन्तलाल,जागेश्वर,रामदास गौतम,मनोज कुमार रावत,दुर्गेश कुमार,रामसजीवन, हरवीर सिंह, मोलहेराम,रामबहादुर, अभिषेक कुमार,विकास,सुधीर,सुमित, कृष्ण कुमार,सोनू,जागेश्वर, अमरीश बौद्ध,रामकिशोर, संदीप कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

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