धड़ल्ले से चल रहा फर्जी बिना मान्यता के स्कूलों का गोरखधंधा, खामोश बैठी योगी सरकार
मुन्ना सिंह/बाराबंकी : हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर बारहवीं तक दर्जनों विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं,कोई मदरसे की मान्यता लेकर स्कूल चला रहा है तो कोई आठवीं की मान्यता पर 12वीं तक क्लासेस संचालित कर रहा है।
तहसील क्षेत्र के सुबेहा, हैदरगढ़ , चौबीसी, त्रिवेदीगंज, भिलवल ,दतौली,असंद्रा, नईसड़क, कोठी क्षेत्र में कुछ इसी तरह दर्जनों फर्जी स्कूलों का संचालन जारी है। कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता है. लेकिन क्लास का संचालन 12 तक हो रहा हैं, जो नियम विरुद्ध है। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है और कोई नहीं जानता कि इन बच्चों के बोर्ड के फार्म कहां से भरे जा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि इन विद्यालयों के बच्चों का प्रवेश किसी मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालय में दिखाया जाता है, लेकिन कक्षाएं कहीं और चलती हैं।कई विद्यालय ऐसे हैं जिनकी मान्यता आठवीं तक की है, लेकिन दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं।
शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो कई प्रभावशाली लोग शिक्षा के इस गोरखधंधे में शामिल हैं। यही कारण है कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं। जब ऊपर से कार्रवाई का निर्देश आता है तो एकाध स्कूलों पर छापा मारकर खानापूर्ति करके उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी जाती है। कुछ दिन बाद शिक्षा की ये दुकानें फिर सज जाती हैं।
हैदरगढ़ क्षेत्र में ऐसे बेलगाम पनप रहे फर्जी बेसिक और माध्यमिक स्कूलों पर अंकुश लगा पाने में विभाग पूरी तरह से अक्षम साबित हो रहा है।
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई)-2009 की धारा-18 (ए) में स्पष्ट प्रावधान है कि बिना मान्यता लिए कोई भी स्कूल संचालित नहीं किया जाएगा। यदि ऐसे स्कूल संचालित पाए जाएं तो उन पर कार्रवाई कर जुर्माना वूसला जाए. यह दंड एक लाख रुपए तक हो सकता है।