मोह मेंं मत बांधों मुझको,
रिश्तो की मत दो दुहाई ।
शीघ्र मुझको जाना है,
याद कर रही भारती माई ।।
सिसक रही है भारत माता,
रो रही लाश की ढेरो पर ।
त्रास उनका हरना है ,
चाहे चलना हो अंगारे पर ।।
नित्य ही कई मांओ का,
बेटा शहीद हो जाता है ।
नित्य ही नई वधुओ का,
सुहाग उजड़ जाता है ।।
वीर भगत, तात्या जैसे,
इन वीरो की कुर्बानी ।
देश को जीवन समर्पित कर,
अपनी जान गवां दी ।।
सौभाग्य मेरा होगा जो मै,
देश पर शहीद हो जाऊं ।
स्वाभिमान से जिऊं देश के लिए,
स्वाभिमान से ही मै मर जाऊं ।।

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