भगवान विष्णु के मोहिनी और वामन अवतार की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

  • धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते हैं अवतार : कान्हाजी

शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के बंकागढ़ गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन 9 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा जी ने अपनी अमृतमयी वाणी से भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार और वामन अवतार की बड़ी ही सुन्दर कथा सुनाई। गौरतलब हो कि क्षेत्र के बंकागढ़ गांव में मानव कल्याण के उद्देश्य से अशोक कुमार मिश्रा, संतोष कुमार मिश्रा, सुनील कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा द्वारा सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है।

बछरावां से पधारे बाल व्यास मोहन कान्हा जी ने भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि मोहिनी अवतार भगवान विष्णु का एकमात्र स्त्री अवतार है। भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार को देखकर हर कोई मोहित हो जाता था। उसके मोह में वशीभूत होकर कोई भी सब भूल जाता है। समुद्र मंथन के समय जब देवताओं और असुरों को सागर से अमृत मिला तो देवताओं को यह डर था कि असुर कहीं अमृत पीकर अमर न हो जायें। तब वे भगवान विष्णु के पास गये और प्रार्थना की कि हे भगवन ऐसा होने से रोकें।

तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर अमृत देवताओं को पिलाया और असुरों को मोहित कर अमर होने से रोका। वहीं त्रेतायुग के प्रारम्भ होने के समय भगवान विष्णु ने वामन रूप में देवी अदिति के गर्भ से जन्म लिया था। भगवान विष्णु वामन रूप में अवतरित होकर पहली बार मानव रूप में प्रकट हुए थे।

भगवान विष्णु के बालक रूपी ब्राह्मण अवतार को दक्षिण भारत में उपेन्द्र नाम से जाना जाता है। शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित ज्ञान गंगा रूपी श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। 9 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा जी जब श्रीमद्भागवत गीता के कंठस्थ हजारों श्लोकों को अपने मुखारविंद से बोलने लगते हैं तो श्रोता स्तम्भ रह जाते हैं। कथा वाचन के साथ ही कान्हा जी की आर्गन पर थिरकती उंगलियों को देखकर एवं उनकी मृदुल एवं अमृतमयी वाणी से शिव तांडव स्त्रोत, भजन सुनकर श्रोता भक्ति रस में सराबोर होकर झूमने गाने लगते हैं।

श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि 9 मई को सात दिवसीय कथा के समापन के पश्चात 10 मई को विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ब्राह्मण महासंस्था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मिश्रा, विजय मिश्रा, विजय बाजपेई, रविकांत अवस्थी, अमित पाठक, विनय मिश्रा,अनुज मिश्रा, अजीत मिश्रा ,विवेक मिश्रा, लाला मिश्रा, अनुराग मिश्रा ,शुभम मिश्रा सहित सैकड़ों की संख्या में श्वेतागण उपस्थित रहे।

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