परिवार नियोजन में महिलाओं ने अंतरा तो पुरुषों ने कंडोम में ज्यादा रुचि दिखायी

रिपोर्ट उपेन्द्र शर्मा 

  • पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, पर भी काफी भरोसा, छाया भी मनपसंद
  • 5985 महिलाओं ने अंतरा, 3373 ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया, 522403 कंडोम इस्तेमाल हुए

नोएडा। परिवार नियोजन अपनाने के लिए महिलाओं ने पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) और त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा पर पूरा भरोसा जताया है। वर्ष 2022-23 में परिवार नियोजन के इन साधनों को महिलाओं ने ज्यादा अपनाया। गर्भनिरोधक गोली छाया इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी रही।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया- परिवार नियोजन को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है। जनपद को मिले लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि को देखा जाए तो अंतरा और पीपीआईयूसीडी पर काफी भरोसा महिलाओं ने जताया है। अंतरा के मामले में लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि 100 प्रतिशत जबकि पीपीआईयूसीडी में 78 प्रतिशत रही।

डा. भारत भूषण ने बताया- अंतरा इंजेक्शन बहुत ही प्रभावी गर्भनिरोधक है। इस इंजेक्शन का असर तीन महीने तक रहता है। हर तीन महीने बाद एक इंजेक्शन लगाया जाता है। उन्होंने बताया- जब तक परिवार नियोजित रखना हो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जब भी दोबारा मां बनना हो तो इसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। तीन से छह महीने में मासिक चक्र नियमित हो जाता है। तब अगला बच्चा प्लान कर सकते हैं। जनपद में महिलाओं की रुचि परिवार नियोजन के प्रति बढ़ रही है। जैसे-जैसे महिलाएं इनके प्रति जागरूक हो रहे हैं, उसी हिसाब से इनका प्रयोग भी बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में 5985 महिलाओं ने अंतरा अपनाया। इस वर्ष के लिए 6000 महिलाओं को अंतरा लगवाने का लक्ष्य था।

परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने अभिषेक कुमार ने बताया – अंतरा लगवाने के बाद माहवारी नहीं आने से कई महिलाएं घबरा जाती हैं और अगला इंजेक्शन नहीं लगवाती हैं। इस कारण उन्हें अनचाहा गर्भ ठहरने की आशंका बनी रहती है। इस स्थिति में महिला को जब उचित परामर्श मिलता है तो वह इन बदलाव के बावजूद अंतरा लगवाना जारी रखती हैं। अंतरा व छाया की सुविधा जनपद में जिला अस्पताल, सभी प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर उपलब्ध है। कई आशा ने परिवार नियोजन के लिए खुद अंतरा इंजेक्शन लगवा कर अपना उदाहरण पेश किया है। वह अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं।

 

परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया- वर्ष 2022-23 में 31 पुरुषों और 2586 महिलाओं ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को अपनाया। 3373 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 144 महिलाओं ने पोस्ट अबॉर्शन इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), 6719 महिलाओं ने इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) को अपनाया। जबकि ओरल पिल्स 87277 और 522403 कंडोम इस्तेमाल हुए।

आईयूसीडी- यह अत्यधिक प्रभावी, लंबे समय तक काम आने वाली परिवार नियोजन‌ विधि है, जिसे माहवारी के बाद अपनाया जा सकता है और इच्छानुसार इसका प्रयोग रोककर गर्भधारण किया जा सकता है। इसका प्रयोग दो बच्चों के बीच अंतर रखने के ल‌िए किया जाता है, यह दो प्रकार की होती है- आईयूसीडी – 380ए दस वर्षों तक और आईयूसीडी – 375 पांच वर्षों तक प्रभावी रहती है।

—-

पीपीआईयूसीडी-: यह अत्यधिक प्रभावी और लंबे समय की परिवार नियोजन विधि है, जिसे प्रसव के बाद 48 घंटे में अपनाया जा सकता है। इच्छानुसार जब दूसरे बच्चे का विचार बने तो महिलाएं इसे आसानी से निकलवा कर गर्भधारण कर सकती हैं। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ के मुताबिक पीपीआईयूसीडी भी दो प्रकार की होती है और पांच व 10 वर्षों तक प्रभावी रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *