बहुभाषा साक्षरता अभियान शुरू, उड़िया-तमिल के शब्द सिखाए गए 

विश्व हिंदी दिवस विशेष 

  • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति ने भारतीय भाषाओं में मेलजोल बढ़ाने के लिए शुरू किया नया अभियान
  • समिति की अमेरिकी इकाई के चौथे स्थापना दिवस पर आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम में कई प्रांत के लोगों ने लिया भाग
  • एक साल तक हर महीने आयोजित किया जाएगा भारतीय भाषा सीखने सिखाने का कार्यक्रम

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की भारत एवं अमेरिका इकाई द्वारा संयुक्त रुप से विश्व हिंदी दिवस पर भारतीय भाषाओं में मेलजोल बढ़ाने के लिए बहुभाषा साक्षरता की नई पहल प्रारंभ की गई। ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में तमिल और उड़िया भाषा पर सार्थक बातचीत हुई। कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने तमिल और उड़िया के शब्द भी सीखें।

कार्यक्रम के प्रारंभ में चेन्नई से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार बीएल आच्छा ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि भारतीय भाषाओं में मेलजोल बढ़ाने का शुरू हुआ प्रयास आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी और महात्मा गांधी की मनोभावना के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं कि बोलचाल के शब्द और वाक्य सभी को आने चाहिए। इसीसे एकता और मजबूत होगी। समिति के संयोजक गौरव अवस्थी ने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी महाप्राण निराला समेत हिंदी के अन्यान्य पुरोधाओं का सपना भारतीय भाषाओं की एकता बढ़ाने को लेकर था। इसी सपने को पूरा करने के लिए समिति ने कदम आगे बढ़ाया है।

उड़िया भाषा के जानकार एवं डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफ़ेसर शांतनु ने कहा कि आर्य और द्रविड़ भाषाओं में दूरी ऐसी नहीं है कि पाटी न जा सके। यह ईमानदार कोशिश जरूर परवान चढ़ेगी। कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को उन्होंने उड़िया भाषा के बोलचाल के शब्द लिखने भी सिखाए। लिपि के बारे में भी बताया। तमिलभाषी एवं रत्नवेल सुब्रमण्यम कला एवं महाविद्यालय कोयंबटूर की भाषा विभाग की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर ललिता राव ने कहा कि तमिल भाषा का इतिहास 2000 वर्ष पुराना है। इसका प्रारंभ तिरुवल्लुवर के साहित्य से होता है। उन्होंने कई शब्दों का उच्चारण करके बताया कि हिंदी और तमिल बहुत पास की भाषाएं हैं।

डेढ़ घंटे तक चले कार्यक्रम में हिंदी भाषियों ने उड़िया और तमिल भाषा सीखने की पूरी कोशिश की। यह तय किया गया कि भारतीय भाषाओं को सीखने और सिखाने का यह क्रम प्रतिमाह आनलाइन आयोजित किया जाएगा। समिति की अमेरिका इकाई की अध्यक्ष श्रीमती मंजु मिश्रा ने सभी का स्वागत करते हुए भविष्य की योजना पर प्रकाश डाला। भारत इकाई के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम में डॉ दिनेश माली, अशोक पुजाहरी (उड़ीसा), डॉ वासुदेवन शेष, डॉ पी पद्मावती, श्रीमती पुष्पा राजगोपाल (तमिलनाडु), डॉ सुमन फुलारा, डॉ ममता पंत (उत्तराखंड), डॉक्टर ज्योतिमय बाग, डॉ कृष्ण कुमार श्रीवास्तव (पश्चिम बंगाल), संजीव कुमार, महेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह (नई दिल्ली), डॉ अश्विनी कुमार शुक्ला, डॉ उमाकांत अग्निहोत्री,(बांदा), श्रीमती रजनी सक्सेना, घनश्याम मिश्रा, करुणा शंकर मिश्रा, अभिषेक द्विवेदी, प्राची सिंह आदि शामिल हुए।

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