विद्यावाचस्पति सारस्वत सम्मान से विभूषित हुए दया शंकर
रायबरेली : बहुमुखी प्रतिभा के धनी शहर के रतापुर निवासी दया शंकर को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करते हुए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार ने उन्हें विद्यावाचस्पति सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया है. ध्यातव्य हो कि इसके पूर्व दयाशंकर को राष्ट्रपति पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय अवधी समाज भूषण सम्मान नेपाल, महापद्म नंद गौरव सम्मान, राष्ट्र रक्षक सम्मान, परशुराम सम्मान, इनोवेशन (नवाचार) सम्मान, रामानुजम जनमानस सम्मान आदि विभिन्न संस्थाओं व सरकारी विभाग द्वारा लगभग दर्जनों सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं.
दयाशंकर वर्तमान समय में फीरोज गांधी कालेज के हिंदी विभाग में प्राध्यापन कार्य करते हुए दो पुस्तकों का प्रकाशन भी कर चुके हैं और निरंतर अपनी लेखनी को जारी रखे हुए हैं। मानस संगम, त्रिवेणी, ज्ञानप्रभा, महाप्राण जैसी अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 45 से भी अधिक आलेख व शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं. दया शंकर ने अपनी लेखनी से देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. इस उपलब्धि पर डॉ० संतलाल, डॉ० मनोज त्रिपाठी, डॉ० बी०डी० मिश्र, डॉ० चंपा श्रीवास्तव, डॉ० संजय सिंह, महादेव, डॉ० आजेन्द्र प्रताप, डॉ० आर०बी० श्रीवास्तव, डॉ० अजय सिंह चौहान, डॉ० किरन श्रीवास्तव, डॉ० संतोष पांडे, प्रोफे० अशोक कुमार, सुशील मौर्य, राघव, रविन्द्र सिंह यादव, जय प्रकाश, कुंवर सिंह, आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर, दुर्गाशंकर दुर्गेश आदि ने बधाई दी