शारदा सहायक नहर के पुल में आई दरार, सांसद और अधिकारियों के बीच हुई रार,ग्रामीणों ने अधिकारी के खिलाफ खोला मोर्चा

रिपोर्ट – मुन्ना सिंह

बाराबंकी : एक मामले ने विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि में रार पैदा कर दी। इस रार में जनप्रतिनिधि को जनता ने सर आँखों पर बिठाया और अधिकारी के भ्रष्ट आचरण की निन्दा ही नही उसे जिले से हटाने और सेवा से बर्खास्त करने की मांग हो रही है।

मामला जिले के सांसद उपेन्द्र सिंह रावत और शारदा सहायक खण्ड 28 के सहायक अभियन्ता संजय गुप्ता के बीच दूरभाष पर सांसद द्वारा सहायक अभियन्ता को फटकार लगाने का वायरल आँडियो से जुड़ा है।

लगभग 200 गावों और दो जिलों को जोड़ने वाली 19 किमी लम्बी सड़क में पड़ने वाली शारदा सहायक नहर पर टूटी पुलिया के निर्माण न होने और सांसद विधायक सहित विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशों के बावजूद सहायक अभियन्ता संजय कुमार गुप्ता द्वारा पुल का स्टीमेट नही बनाये जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और बुधवार को सैकड़ों की संख्या में उसी टूटे पुल पर प्रदर्शन कर सहायक अभियन्ता के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से मांग किया कि भ्रष्ट व सरकार विरोधी सहायक अभियन्ता संजय गुप्ता को निलम्बित करें और नहर के इस पुल का निर्माण कराकर सड़क पर आवागमन बहाल करायें।

प्रदर्शन और नारेबाजी में कर रहे लालता सिंह, महेन्द्र कुमार मिश्र, राजेश जायसवाल, रिंकू अवस्थी, शम्भू रावत, राम मिलन वर्मा, चन्द्र प्रकाश पाण्डेय, रिन्कू पाल, वीरेन्द्र वर्मा, राजकुमार यादव, नेवल किशोर सहित काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं, और भ्रष्ट सहायक अभियन्ता को हटाने और पुल निर्माण की जोरदार मांग उठायी।

गौरतलब है कि सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने लगभग 19 किमी लम्बी रायबरेली जनपद को जोड़ने वाली त्रिवेदीगंज के कान्हूपुर, मुझूपुर से बछरावां को जाने वाली सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बनाये जाने को पास कराया और बीते 15 अक्टूबर को सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे थे।

इस शिलान्यास कार्यक्रम के के बाद ग्रामीणों ने शारदा सहायक नहर की दो वर्षों से टूटी पुलिया जिसे नहर विभाग ने दीवार खड़ी कर भारी वाहन रोक दिया था, सांसद को दिखाने मौके पर ले गये और वहीं सांसद से अपील किया कि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर पुल निर्माण की कार्यवाही करवायें।

सांसद ने विभाग के सहायक अभियन्ता संजय कुमार गुप्ता को फोन किया किन्तु वह फोन नही उठाया, साथ में रहे क्षेत्रीय विधायक दिनेश रावत, पूर्व विधायक सुन्दरलाल दीक्षित, भाजपा मण्डल अध्यक्ष सचिन वर्मा सभी ने फोन कर उसे मौके पर बुलाने की कोशिश की लेकिन सहायक अभियन्ता ने किसी का फोन नही उठाया।

जब सांसद ने अधीक्षण अभियन्ता से बात किया कि आपका सहायक अभियन्ता न तो फोन उठा रहा है और न ही पुल निर्माण के लिए स्टीमेट बनाकर दे रहा है। इस पर अधीक्षण अभियन्ता ने बताया कि इस पुलिया के निर्माण का स्टीमेट बनाकर देने के लिए सहायक अभियन्ता से कई बार कहा जा चुका है। ग्रामीणों की मांग और प्रदर्शन के चलते यह मामला फिलहाल शान्त होता नजर नही आ रहा है। ग्रामीणों में सहायक अभियन्ता के खिलाफ भारी आक्रोश है वहीं सांसद के इस जुझारू कार्य की जिले में प्रशंशा हो रही है।

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