Karwa Chauth 2022 : क्यों मनाया जाता है करवा चौथ का पर्व

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है  करवा चौथ की पूजा यह व्रत सुहागिन स्त्री अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं कहा जाता है कि भगवान विष्णु को एक बार राजा बलि ने कैद कर लिया था तब लक्ष्मी ने इस व्रत को करके उनसे भगवान विष्णु को छुड़ाया था कहा जाता है नारद पुराण के अनुसार यह पूजा शाम को चंद्रमा निकलने पर की जाती है माता पार्वती ने भी इस व्रत को किया था कहा जाता है कि माता पार्वती ने शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए किया था. इस व्रत को माता सीता ने भी बड़ी पवित्रता के साथ किया था इस व्रत को शुरू करने से पहले माता गिरजा की आराधना करनी चाहिए क्योंकि माता सीता ने गिरजा की पूजा अर्चना करके भगवान श्रीराम को पति के रूप में मांगा था इस व्रत को सुहागन स्त्री के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी कर सकते और कहा जाता है कि करवा चौथ को गणेश चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है कुंवारी लड़की इस दिन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए मनाती है और साथ ही साथ माता गिरिजा से अपनी इच्छा अनुसार वर की इच्छा रखती है और उन्हें धनवान धैर्यवान दयावान और गुणवान वर का आशीर्वाद देती है ।

कैसे करते हैं व्रत और पूजा

करवा चौथ के दिन सभी सुहागिन स्त्री सुबह से स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन कर सारा दिन व्रत करती हैं और तरह-तरह के व्यंजन बनाती है इस दिन अपने पति की इच्छा के अनुसार का भोजन भी बनाती है और  सारा दिन व्रत उपवास करती हैं भगवान से अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते हैं और शाम को चावल के आटे की पिन्नी का भोग बनाती है जिसमें खोया दूध चीनी डालकर आंगन में गाय के गोबर से लिप चावल के आटे से चौक बनाती जिसमें सूर्य चंद्रमा गंगा जमुना का चित्र बनाकर उसकी विधि विधान के अनुसार पूजा करती है।

पूजा की सामग्री पूजा की सामग्री गौरी गणेश और झाड़ू की नई सीख ले कर पूजा करने के बाद सर्वप्रथम चांद के दर्शन करती  और फिर उसके बाद अपने पति का चेहरा देखती और फिर सुहाग लेकर अपने पति के चरण स्पर्श करते अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

करवा चौथ की कथा

एक बार की बात है एक घर में सास बहू और जेठानी रहती थी पहली बार छोटी बहू को करवा चौथ की पूजा करनी थी लेकिन उसके मायके में कोई नहीं था वह बेचारी सुबह से भूखी प्यासी करवा चौथ का व्रत तभी उसने देखा कि उसका भाई करवा चौथ का सामान लेकर आया सास और जेठानी बहुत खुश थी लेकिन छोटी के यहां से तो कोई नहीं है क्योंकि उसके मायके में कोई नहीं था उसे बहुत दुख है कि हमारे भी कोई होता तो हमारे लिए करवा चौथ की करवा चौथ का व्रत रखने में कोई भी नहीं और जाकर  जोर जोर से रोने लगी तभी वहां से एक नाग देवता प्रकट हुए और उससे रोने का कारण पूछा तो उसने अपना हाल सब नाग देवता को बताया नाग देवता को उस बेचारी पर बहुत दया आ गई तब नाग देवता ने कहा कि तुम घर जाओ और जाकर व्रत की तैयारी करो तुम्हारे करवा का सामान लेकर हम आएंगे ।

लेकिन तुम हमको देख कर डर मत जानाऔर हमें  अपने आंगन में छोड़ देना मैं धीरे से अपने घर वापस आ जाऊंगा तब उसने कहा ठीक है भैया और वह वहां से घर आकर पूजा कि सभी तैयारी करने लगे उसकी सास और जिठनी ने ताना मारा तब तक नाग देवता पूजा का सामान लेकर बहन के घर पहुंच गए और यह सब देखकर उनकी सास और जेठानी बहुत आश्चर्यचकित रहने लगी और कहने लगी कि इसके मायके में तो कोई नहीं था उसका सामान कहां से आया फिर उस बहन ने करवा चौथ का व्रत संपूर्ण की व्रत किया और दूसरे दिन नाग देवता ने कहा कि आज हम अपनी बहन को अपने घर ले जाएंगे तब उसके साथ राजी खुशी से बहू को उसके साथ भेज भेज दिया।

नाग देवता ने अपनी बहन को लेकर अपने महल पहुंच गए और बहन से कहा कि देखो तुम जहां जब तक चाहो रह सकते हो लेकिन कभी इस नांद को मत खोलनालेकिन बहन के मन में बार-बार विचार आ रहा था कि भैया ने इस नांद को खोलने से क्यों मना किया क्या है इस नाम में जो भैया ने हम को मना कर दिया एक दिन जब नाग देवता घर से बाहर गए हुए थे तो उसने उस नांद को खोल दिया नांद खोलकर देखा तो उसमें बहुत सर्प के बच्चे थे उसने डर कर उस नांद को जल्दी से बंद कर दिया तो उसमें एक सर्प की पूछ कट गए तो वह बहुत रोने लगा और अपनी मां से कहा कि देखो मैं इन्हें काट लूंगा क्योंकि अब हमें सभी सर्प जो है कुछ कटा कह कर पुकारते हैं.

तब उसकी मां ने उसे बहुत समझाया परंतु वह नहीं माना तो उसकी मां ने कहा ठीक है जब तुम अपनी जिद पर आ  गए हो तो यह अपने घर चली जाए तब तुम  वहां जाकर काट लेना कुछ दिन बीतने के बाद वह अपनी ससुराल वापस चली गई तब वह सर्प  भी चुपकेसे उसके पीछे चला गया और वह उनकी चारपाई के नीचे छिप कर बैठ गया और उसने निश्चय बना लिया कि आज इसे काट कर मैं अपना बदला पूरा करूंगा तभी वह बहन अपनी चारपाई पर लेटी और कहने लगी है भगवान हमारे भाई भतीजे की हमेशा रक्षा करना जिससे कि हमारा मायका बना रहे और हमारे सबसे ज्यादा उस भाई की रक्षा करना जिस की पूंछ हमारे हाथों से कट गई क्योंकि हमें उसकी बहुत आशा है इतना सुनकर बहुत दुखी हुआऔर अपने   घर को वापस चला और रास्ते भर में सोच रहा था कि मैं जिस बहन को काटने गया था वह तो हमारे लंबी उम्र की प्रार्थना कर रही है घर पहुंच कर माने पूछा काटा है तो उसने कहा नहीं मैं जिससे काटने गया वह हमारी लंबी उम्र की प्रार्थना चंद्र देवता से कर रही है उसकी प्रार्थना सुनकर मैं वापस अपने घर चला आया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *