श्रवण कुमार
रायबरेली। इन दिनों लगभग हर ब्लॉक में मनरेगा कार्य जल रहा है, ताकि लॉकडाउन के बीच काम की कमी को दूर किया जा सके और श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा सके, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सरकार के निर्देशों को धता बताते हुए नाबालिगों के हाथ में फावड़ा थमा दे रहे हैं। दरअसल,रायबरेली जनपद में ब्लाक के ग्राम पंचायतों में नाले एवं तालाबो की खुदाई का काम जॉब कार्ड धारकों से कराया ही जा रहा है, लेकिन साथ ही साथ नाबालिग बच्चों से भी मनरेगा के तहत काम लेने में ग्राम प्रधान कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे, जिन बच्चों के हाथों में कॉपी और किताब होना चाहिए ऐसे में उनके हाथों में फावड़ा थमा दिया गया है। बताते चले कि सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत राही ब्लॉक के ग्रामसभा खागी खेड़ा सड़वा के ग्राम प्रधानपति द्वारा गांव के पास तालाब सौन्दरीकरण का कार्य मनरेगा के तहत करवाया जा रहा था। वहां खुदाई में लगभग सैकड़ों की संख्या में मजदूर कार्य कर रहे है। इस दौरान किसी भी मजदूर के चेहरे पर न ही मास्क लगा है और न ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया जा रहा। इतना ही नहीं, वहां पर हैंडवाश के लिए सेनेटाइजर या साबुन कुछ भी नही मिला। वहां सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह देखने को मिली की 13 से 17 वर्ष के बीच के नाबालिग बच्चे भी वहां काम करते हुए मिले। एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मामलों को लेकर बेहद ही संवेदनशील है तो वहीं दूसरी तरफ गांव के जिम्मेदार ही देश के कर्ण धार कहे जाने वाले बच्चों के भविष्य के साथ मख़ौल मज़ाक उड़ा रहे। उधर गांव के कुछ लोगो का कहना है कि खागीखेडा सड़वा के प्रधान पति द्वारा मनरेगा मजदूरों से पिपरमेंट भी निरवाते है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इन गैर जिम्मेदार प्रधानो के ऊपर क्या कार्यवाही हो तो है या फिर पूरे मामले को रफा दफा कर दिया जाता है ये जानना शेष है। अब देखना है की ग्राम प्रधान शेर सिंह का कहना है कि जिसको जो करना हो करें कितने मीडियाकर्मिय आते हैं और चालें जाते हैं। दबंग प्रधान के हौसले बुलंद।अब देखना है कि आगे कार्रवाई होती है या नही।