शिक्षा सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है-आशुतोष शुक्ल

रायबरेली : एक देश, एक व्यक्ति, एक समाज का विकास तभी संभव है जब वहां का हर सदस्या शिक्षित होगा। शिक्षा ना केवल व्यक्ति को शिक्षित करती है बल्कि वह उसे उसके अधिकारों एवं कर्तव्यों की ओर भी जाग्रत करती है। शिक्षा की इसी महत्वता को प्रदर्शित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है।उपरोक्त विचार आज साक्षरता दिवस के अवसर पर उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के अध्यक्ष आशुतोष शुक्ल द्वारा ब्यक्त किये गए।  शुक्ल ने बताया कि जैसा कि सभी जानते हैं निरक्षरता एक अभिशाप है। यह गरीबी, बीमारी, बदहाली का एक बड़ा कारक है।

इसके कारण अंधविश्वास, पिछड़ापन आदि का बढ़ावा मिलता है। समाज में कई तरह की रूढ़ियों, असमानताओं, लिंग भेद, ठगी तथा शिक्षा के प्रति उदासीनता में निरक्षरता के कारण एक बड़ी आबादी विकास के लाभ से वंचित रह जाती है जिससे समाज पिछड़ापन और बदहाली से बाहर नहीं निकल पाता। यही कारण है कि निरक्षता उन्मूलन के लिए कई कार्यक्रम चलाये गए, जिसमे बहुत सी उपलब्धियां भी सामने आई है इसके बावजूद आज भी कुछ ब्यक्तियों का निरक्षर होना चिंता का विषय है। इसी क्रम में आज

प्राथमिक विद्यालय गोझवा के छात्रों द्वारा साक्षरता रैली निकाली गई । शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों ने पूरे ग्राम का भ्रमण कर लेागों को साक्षर होने के लिए प्रेरित करने वाले नारे लगाए। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक होने तथा अपने आसपास, गली, चौक-चौराहों सहित अन्य अपने उपयोगी जगहों में को स्वच्छ रखने का आह्वान किया। विद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।इस अवसर पर संगीत गौतम,पुष्पा मिश्रा,उर्मिला पूनम हनोमान आरती गुप्ता जगजीवन आशा देवी नन्हकू समेत कई अभिभावक उपस्थित रहें।

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